दिवाली पर पटाखे फोड़ते वक्त भले ही बच्चों के चेहरे पर हंसी हो, लेकिन वही पटाखे उनकी सेहत के लिए नुकसानदायक होते हैं।
दिवाली तो बित गई लेकिन इस दौरान आपकी लाइफस्टाइल पूरी तरह से बदल गई होगी। प्री-दिवाली पार्टी से लेकर दिवाली पार्टी तक आपने बहुत कुछ ऐसा खाया या पीया होगा जिससे आपकी बॉडी और हेल्थ पर इसके हानिकारक प्रभाव पड़े होंगे।
एक अध्ययन से पता चला है कि खाने में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाने से प्रौढ़ व्यक्तियों में दैनिक क्रियाकलापों के करने की क्षमता संरक्षित रखने और इसके साथ ही अक्षमता के खतरे को कम करने में मदद मिल सकती है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को यहां कहा कि राजस्थान में जीका वायरस जनित रोग का संबंध सिर का विकास सामान्य से कम होने यानी माइक्रोसेफाली से नहीं पाया गया है।
दिवाली पार्टी, लेट नाइट पार्टी, अपने दोस्तों के साथ नाइट आउट ये सब तो दिवाली के दौरान आम बात है।। पार्टी के दौरान कई बार ऐसा होता है कि आप खाना मिस कर देते हैं कुछ हेवी न खाकर काजू, पिस्ता बादाम, डीप फ्राइड समोसा, मिठाई आप ज्यादा खाते हैं लेकिन आपको बता दें कि ये आपके सेहत के लिए काफी हानिकारक होता है।
खराब लाइफस्टाइल और खानपान की वजह से शरीर में यूरिक एसिड की समस्या उतपन्न होती है। यह आज के लोगों में एक गंभीर समस्या बन गई है। कई रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है कि शरीर में प्यूरिन के टूटने से यूरिक एसिड बनता है।
मेनोपॉज या रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं को हृदयाघात के खतरे से बचने के लिए व्यायाम करनी चाहिए और कम कैलोरी वाले आहार का सेवन करना चाहिए।
बादाम में भारी मात्रा में फैट पाए जाते हैं। यह काफी हेल्दी होने के साथ-साथ फाइबर और प्रोटीन से भरपूर होता है।
सुबह उठते ही हमारे दिमाग में पूरे दिन की प्लानिंग शुरू हो जाती है कैसे क्या करना है? कई लोग मॉर्निंग वॉक पसंद करते हैं, तो कई लोग न्यूज पेपर पढ़ना, तो कई लोग अपनी चाय की सीप से अपनी सुबह की शुरुआत करते हैं।
स्किन खराब होने की वजह कुछ भी हो सकता है जैसे खराब खानपान, खराब लाइफस्टाइल, सही लाइफस्टाइल न फॉलो करना, पीरियड्स प्रॉब्लम। कई बार पीरियड्स में गड़बड़ी की वजह से बॉडी में कई तरह के बदलाव होते हैं जैसे आंखों, पैरों, पेट में सूजन होना साथ ही ऐसे कई तरह की चीजें होती है जैसे सिरदर्द, कमर दर्द और चक्कर आना।
ज्यादातर भारतीय(India) कई तरह की मानसिक बीमारी(Mental Problem)का शिकार हैं। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला
स्तन कैंसर के बढ़ते मामलों में युवा महिलाएं भी इसकी चपेट में आ रही हैं। ऐसे में 3डी मैमोग्राफी युवा महिलाओं में स्तन कैंसर को पकड़ने में कारगर टूल के रूप में देखी जा रही है।
हड्डियों का कमजोर होना उम्र से जुड़ी एक प्रक्रिया है, आमतौर पर 50 से 60 की उम्र के बाद हड्डियां कमजोर होने लगती हैं, ज्यादातर लोगों को इसके कारण जोड़ों के दर्द, ऑर्थराइटिस और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
सर्दियों की शुरुआत हो चुकी है। और इस मौसम में वर्किंग वूमन को अपनी खास ख्यास रखने की जरूरत है। आज आपको बताते है सर्दियों के आते ही आपको अपने लाइफस्टाइल में कुछ खास चीजों को शामिल करने की जरूरत है।
'An apple a day keeps the doctor away' ये लाइन अक्सर आप बोलचाल की भाषा में यूज़ करते हैं, कई बार दूसरे लोग उदाहरण के तौर पर आपको देते होंगे लेकिन आप बता दें कि सबके लिए सेब एक बराबर फायदेमंद नहीं है।
ऑफिस जाने वाली महिलाओं को कई तरह कि दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। खासकर मोटापा की बात करें तो ऑफिस में बैठे-बैठे अक्सर पेट निकलने की समस्या होती है।
ऑर्थराइटिस में जोड़ों में सूजन आ जाती है, जिसके कारण मरीज को चलने-फिरने में परेशानी होने लगती है। आज के शहरी लोग बिल्कुल गतिहीन हो गए हैं, जिसका बुरा असर उनके मांस और हड्डियों की ताकत पर पड़ता है।
आपने ध्यान दिया होगा अक्सर लगातार बैठे के दौरान थकावट होने लगती है तो इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे शरीर में पानी की कमी, कमजोरी, खराब लाइफस्टाइल लेकिन इसके साथ ही एक बड़ी बीमारी हो सकती है वह है अल्जाइमर।
डिप्रेशन का शिकार कोई भी, कभी भी हो सकता है। लेकिन सबसे जरूरी चीज है इसका पता सही समय पर लगा लिया जाए। आज विश्व में मानसिक स्वास्थ्य दिवस के दिन हम आपको इससे जुड़े कई खास बात बताएंगे।
मोटापा से बचने के लिए जिम -वर्कआउट के बजाय अगर आप ये करेंगे तो 30 दिन के अंदर फायदा दिखेगा।
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