साउथ बैंक से चीनी सैनिकों की वापसी का वीडियो आया है। इस वीडियो में वो कैंप दिख रहे हैं जो चाइनीज सैनिक खाली करके गए हैं। इन खाली कैंपों को बुलडोजर लगाकर ध्वस्त कर दिया गया।
भारत ने शुक्रवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में पैंगोग सो (झील) इलाके में सैनिकों को पीछे हटाने के लिए चीन के साथ एक समझौते को अंतिम रूप दिये जाने के परिणामस्वरूप किसी भी इलाके से दावा नहीं छोड़ा है
पूर्वी लद्दाख से बड़ी खबर आयी है। भारत और चीन के बीच समझौते के बाद दोनों तरफ की सेनाओं के पीछे हटने का क्रम शुरू हो गया है।
राहुल गांधी ने राज्यसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के वक्तव्य के बाद बृहस्पतिवार को केंद्र पर निशाना साधा और सवाल किया कि सरकार जवानों के बलिदान का अपमान क्यों कर रही है।
भारत और चीन के बीच पैंगोंग लेक पर सैनिकों को पीछे हटाने का समझौता हो गया है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि भारत-चीन सीमा के हालात पर अमेरिका पैनी नजर रखे हुए है। अमेरिका ने चीन द्वारा अपने पड़ोसियों को डराने-धमकाने के रवैये पर चिंता व्यक्त की है।
उन्होंने कहा, ''सैनिकों के पीछे हटने का मुद्दा बहुत पेचीदा है। यह सेनाओं पर निर्भर करता है। आपको अपनी (भौगोलिक) स्थिति और घटनाक्रम के बारे में पता होना चाहिये। सैन्य कमांडर इस पर काम कर रहे हैं।''
विदेश मंत्री ने कहा कि उन्होंने (लद्दाख में घटनाओं ने) न सिर्फ सैनिकों की संख्या को कम करने की प्रतिबद्धता का अनादर किया, बल्कि शांति भंग करने की इच्छा भी दर्शायी। हमें चीन के रुख में बदलाव और सीमाई इलाकों में बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती पर अब भी कोई विश्वसनीय स्पष्टीकरण नहीं मिला है।
भारतीय सेना ने जानकारी दी कि नॉर्थ सिक्किम में नाकु-ला बॉर्डर पर भारत और चीन के बीच मामूली झड़प हुई है और इसे लोकल लेवल कमांडरों द्वारा बातचीत करके सुलझा दिया गया।
सूत्रों ने बताया कि तीन दिन पहले हुई इस घटना में भारतीय जवानों ने चीनी PLA के सैनिकों की बुरी तरह से पिटाई की है। दोनों सेनाओं के बीच हुई झड़प में 20 से ज्यादा चीनी सैनिक घायल हो गए हैं।
सैन्य सूत्रों के अनुसार यह बैठक रविवार सुबह 11 बजे शुरू हुई और देर रात ढाई बजे तक जारी रही।
भारत और चीन के बीच करीब ढाई महीने के बाद आज नौवें राउंड की बातचीत चीन के मॉलदो में शुरू हो गई है।
गलवान में भारतीय सैनिकों द्वारा चीन को दिए गए जवाब की पूरी दुनिया ने तारीफ की थी। गलवान में बुरी तरह पिटने के बाद चीन पूरी तरह से भौचक्का रह गया, हमेशा शांति की बात करने वाली भारतीय सेना इस तरह से पलटकर वार करेगी और पूरी दुनिया के सामने उसे बेनकाब करे देगी ये चीन ने सोचा भी न था।
साल 2016 में भारत सरकार द्वारा अपनाई गई हालिया नीतियों के चलते तिब्बत की निर्वासित सरकार के बारे में लोगों को कम पता है। इस पर सभी को प्रयास करने की जरूरत है। सर्वेक्षण के दौरान लोगों से बातचीत करते वक्त पता चला कि लगभग 75 फीसदी लोगों को इस बारे में बिल्कुल भी कोई जानकारी नहीं है।
India China Tension: उन्होंने कहा कि हम चर्चा और राजनीतिक प्रयासों के माध्यम से अपने विवादों का समाधान खोजने के लिए प्रतिबद्ध हैं लेकिन किसी को भी हमारे धैर्य की परीक्षा लेने की गलती नहीं करनी चाहिए।
आर्मी चीफ मनोज मुकंद नरवणे ने कहा कि पिछला साल हमारे देश और सशस्त्र बलों के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण था। सशस्त्र बल बड़ी कुशलता से उत्तरी सीमाओं पर बहादुरी से हर हालात में डटे रहे औऱ इन हालातों में महामारी का भी सफलतापूर्वक मुकाबला किया।
एलएसी पर पिछले साल से भारत और चीन के बीच गतिरोध जारी है। यह 28 अगस्त, 2020 और 29 अगस्त, 2020 को एहतियाती तैनाती में भारतीय सैनिकों, पूर्व-विस्तारित चीनी विस्तारवादी डिजाइनों को रोक कर पैंगोंग सो के दक्षिणी किनारे पर ऊंचाइयों पर कब्जा कर लिया था।
Defence Institute of Physiology & Allied Sciences (DRDO) के डायरेक्टर डॉक्टर राजीव वार्ष्णेय ने बताया कि DRDO ने पूर्वी लद्दाख, सियाचिन और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात भारतीय सेना के लिए 'हिम तपक' (Him Tapak) नामक नई space heating devices बनाई है। यह सुनिश्चित करेगा कि backblast और carbon monoxide poisoning के कारण जवानों की मौत न हो।
आर्टिकल में लिखा है कि पैंगोंग झील इलाके में भारत की विशाल मिलिट्री को देखा जा सकता है। बता दें कि पैंगोंग झील के बीच से LAC गुजरती है, इस झील का एक बड़ा हिस्सा चीन के कब्जे वाले लद्दाख में हैं।
ये चीनी सैनिक Pangong Tso झील के दक्षिण में गिरफ्तार किया गया है। चीन के इस सैनिक ने LAC पार की थी, जिसके बाद उसे भारतीय फौज द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया।
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