भारत ने बृहस्पतिवार को चीन के इन आरोपों को खारिज किया कि भारतीय सैनिकों ने लद्दाख और सिक्किम में सीमा पार कर चीनी क्षेत्र में घुसपैठ की।
भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच सीमा पर तनातनी की घटनाओं के कुछ ही दिन बाद भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह चीन के साथ लगने वाली सीमा पर शांति एवं स्थिरता बनाये रखने को प्रतिबद्ध है तथा सीमा को लेकर साझा समझ होने पर ऐसी घटनाओं से बचा जा सकता था।
थल सेना प्रमुख ने कहा कि स्थानीय स्तर पर बातचीत के बाद दोनों पक्षों के बीच मामला सुलझा लिया गया।
आर्मी ने स्पष्ट किया है कि इस वक्त पैंगोंग लेक के पास फेसऑफ की परिस्थिति नहीं है और न ही यहां सैनिकों का जमावड़ा है।
चीन का हेलिकॉप्टर अपनी ही सीमा में था लेकिन वह भारतीय सीमा के बहुत नजदीक पहुंच गया था और एयरफोर्स को जैसे ही इसकी भनक लगी तो 8 मिनट के अंदर भारतीय वायुसेना का लड़ाकू विमान भी वहां पहुंच गया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर अलग-अलग धारणाएं होने की वजह से अतिक्रमण की घटनाएं होती हैं लेकिन सीमा सुरक्षा को लेकर किसी को चिंता की जरूरत नहीं है तथा सेनाएं पूरी तरह चौकस हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यहां शुक्रवार को कहा कि सीमा के मुद्दे पर भारत एवं चीन की अवधारणा में अंतर के बावजूद दोनों देशों की सेना इतनी समझदार हैं कि वे वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव कम कर सकें।
दिखने में तो ये भले ही 1400 फीट की लंबाई वाला एक सामान्य सा पुल लगता है लेकिन इस छोटे से पुल ने चीन जैसी महाशक्ति को चिंता में डाल दिया है। सबसे ख़ास बात ये है कि चीन की तमाम धमकियों के बाद भी भारतीय सैनिकों ने चीन की आंखों में आंखें डालकर इस पुल का निर्माण किया है।
इससे पहले खबर आई थी कि चीन के इन नापाक चाल को भांपते हुए भारतीय सेना ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है। देश की सुरक्षा के लिए बनी सबसे पॉवरफुल कमेटी की गुरुवार को मीटिंग हुई। चीफ ऑफ स्टॉफ कमेटी की इस मीटिंग में तीनों सेना के चीफ आपस में मिले और डोकलाम
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