एसआईटी की रिपोर्ट आने के बाद संसद में लगातार हंगामा जारी है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केन्द्रीय राज्यमंत्री का इस्तीफा मांगा है।
लखीमपुर मामले में आशीष मिश्रा पर शिकंजा कसने के बाद अब केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बर्ताव पर BJP गंभीर नज़र आ रही है। अजय मिश्रा उर्फ़ टेनी पत्रकारों से बदसलूकी करने के बाद सुर्ख़ियों में हैं। आज वह जेपी नड्डा से मुलाक़ात करेंगे जिसके बाद उनपर कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लखीमपुर-खीरी मामले पर बुधवार को लोकसभा में कार्यस्थगन का नोटिस दिया था।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री पत्रकारों पर बुरी तरह भड़के नजर आए और उन्होंने गुस्से में मर्यादा लांघ दी।
अधीरंजन चौधरी ने कहा, "लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर राहुल गांधी ने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव दिया है. हम मांग करेंगे कि सरकार मंत्री (अजय मिश्रा) को बर्खास्त किया जाए।"
इस मामले के प्रमुख आरोपी आशीष मिश्रा के पिता अजय मिश्रा टेनी केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हैं और इस घटना के बाद से विपक्षी दल उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल से बाहर करने की मांग कर रहे हैं।
लखीमपुर कांड में बड़ा एंगल आ गया है। SIT ने अपनी जांच में पूरी घटना को एक सोची-समझी हत्या की साजिश करार दिया है। लेकिन इसे लेकर अखिलेश यादव अब बीजेपी पर हमलावर हो गए हैं।
मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा समेत 14 लोगों के खिलाफ जांच के बाद धाराएं बदली गई हैं। सभी 13 गिरफ्तार आरोपियों की आज कोर्ट में पेशी हो सकती है।
जिला शासकीय अधिवक्ता (डीजीसी) अरविंद त्रिपाठी ने सोमवार को बताया कि जिला एवं सत्र न्यायाधीश मुकेश मिश्रा ने अपने आदेश में तिकुनिया मामले के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा व सह आरोपी आशीष पांडेय व लवकुश राणा की जमानत अर्जी खारिज कर दी।
पिछली नौ अक्टूबर को आशीष और उसके बाद गिरफ्तार किए गए अंकित दास तथा लतीफ काले के पास से लाइसेंसी राइफल, पिस्तौल, रिवाल्वर तथा रिपीटर गन बरामद की गईं थीं। इन हथियारों को 15 अक्टूबर को विधि विज्ञान प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 10 दिन का समय दिया था।
न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को मामले के अन्य गवाहों के बयान दण्ड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 164 के तहत दर्ज करने का भी निर्देश दिया था और डिजिटल साक्ष्यों की विशेषज्ञों द्वारा जल्द जांच कराने को कहा था।
केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे 40 कृषि संघों के एकीकृत संगठन एसकेएम ने कहा कि समिति में अधिवक्ता सुरेश कुमार मुन्ना, हरजीत सिंह, अनुपम वर्मा, मोहम्मद ख्वाजा, यादविंदर वर्मा, सुरेंदर सिंह और इसरार अहमद शामिल हैं।
इस केस की जांच कर रही एसआइटी के साथ ही लखीमपुर खीरी पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अब तक दो दर्जन से अधिक प्रत्यक्षदर्शियों के बयान दर्ज करने के साथ ही इस केस के मुख्य आरोपित आशीष मिश्रा मोनू सहित 12 लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
इसके अलावा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को उनके पद से हटाने की मांग के साथ सरकार को एक ज्ञापन सौंपा जाएगा उन्होंने कहा कि विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन से जुड़े सभी किसान समूह अखिल भारतीय प्रदर्शन का समर्थन करेंगे।
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा 'टेनी' का पुत्र आशीष मिश्रा उर्फ मोनू मुख्य आरोपी है। आशीष मिश्रा उर्फ मोनू, जिसे नौ अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था। उसे कल देर रात डेंगू की पुष्टि हुई।
आशीष को पिछली नौ अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में अब तक 10 लोग गिरफ्तार किये जा चुके हैं। इस घटना में कथित तौर पर भीड़ में लोगों के ऊपर एसयूवी (थार जीप) चढ़ा देने से जहां चार किसानों की मौत हो गई थी।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में हुई हिंसा में कुल आठ लोगों की मौत हो गई थी। जिले के तिकुनिया गांव में एक केंद्रीय मंत्री के बेटे द्वारा कथित रूप से चलाई जा रही एक जीप से कथित रूप से कुचले जाने से चार किसानों और एक पत्रकार की मौत हो गई थी।
वहीं, एसकेएम ने मांग की कि सिंघू बोर्डर पर पीट-पीट कर हत्या किए जाने की घटना की जांच सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश से कराई जाए और निहंग सिख के एक नेता से मुलाकात करने के लिए केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और कैलाश चौधरी से इस्तीफा देने की मांग की।
शीर्ष अदालत ने आठ अक्टूबर को लखीमपुर खीरी हिंसा के मामले में सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार के आरोपियों को गिरफ्तार ना करने के कदम पर सवाल उठाए थे और साक्ष्यों को संरक्षित रखने का निर्देश दिया था।
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