Paytm Share Price: पेटीएम के शेयर में लगातार दो दिनों से अपर सर्किट देखने को मिल रहा है। आइए जानते हैं इस तेजी के पीछे क्या कारण है।
आपको बता दें कि नियम नहीं मानने पर केंद्रीय बैंक ने 29 फरवरी, 2024 से पेटीएम पेमेंट्स बैंक को नई जमा या टॉप-अप स्वीकार करने से रोक दिया था। हालांकि, अब समय सीमा 15 दिन बढ़ाकर 15 मार्च 2024 कर दी गई है।
पेटीएम का मेन अकाउंट एक मास्टर अकाउंट की तरह है जिसमें उसके सभी ग्राहकों, व्यापारियों के लेनदेन का निपटान किया जाता है।
ग्राहक 15 मार्च 2024 के बाद भी रिफंड, कैशबैक, साझेदार बैंकों से स्वीप-इन या ब्याज दरें प्राप्त कर सकते हैं। ग्राहक 15 मार्च के बाद पीपीबी के साथ अपने खाते में अपनी सैलरी नहीं प्राप्त कर पाएंगे।
NHAI की रोड टोलिंग अथॉरिटी द्वारा एक लिस्ट जारी की गई है। इसमें उन 32 बैंकों के नाम हैं, जिनसे यूजर्स फास्टैग खरीद सकते हैं। इसमें पेटीएम पेमेंट बैंक का नाम अब हटा दिया गया है।
पेटीएम ने कहा कि कंपनी और उसकी सहयोगी इकाई पेटीएम पेमेंट्स बैंक अधिकारियों को उनकी आवश्यकता के हिसाब से जानकारी, दस्तावेज उपलब्ध करा रही है। उसकी सहयोगी इकाई पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) पैसा बाहर भेजने का काम नहीं करती है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने पेटीएम पेमेंट बैंक को 29 फरवरी के बाद किसी भी ग्राहक खाते, वॉलेट, फास्टैग और अन्य उत्पादों में जमा या टॉप-अप स्वीकार करना बंद करने का निर्देश दिया है।
Paytm का शेयर 10 फीसदी के लोअर सर्किट या 38 रुपये की गिरावट के साथ 342.35 रुपये पर बंद हुआ। वहीं, सरकारी बैंकों के शेयरों में उछाल के चलते बाजार बढ़त के साथ बंद हुआ।
Paytm Share Crash: पेटीएम के शेयर में बुधवार को बड़ी गिरावट देखने को मिली। शेयर गिरकर अपने ऑल टाइम लो पर आ गया है।
31 जनवरी को, भारतीय रिजर्व बैंक ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर अत्यधिक कारोबारी प्रतिबंध लगा दिए। आरबीआई ने 29 फरवरी के बाद ग्राहक खातों में नई जमा राशि पर रोक लगा दी।
पेटीएम पेमेंट बैंक पर आरबीआई की कार्रवाई के बाद से भारतपे, फोनपे, गूगलपे और मोबिक्विक जैसे पैमेंट ऐप्स की बल्ले-बल्ले हो गई है। ट्रस्ट इश्यू के चलते लोग विकल्पों की तरफ जा रहे हैं।
Paytm Target Price: पेटीएम के शेयर का टारगेट प्राइस Macquarie द्वारा घटा दिया गया है। आरबीआई के एक्शन के बाद पेटीएम पर ये कार्रवाई की गई है।
वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड ने सोमवार को कहा कि सहयोगी इकाई पेटीएम पेमेंट्स बैंक की स्वतंत्र निदेशक मंजू अग्रवाल ने निजी कारणों से बोर्ड से इस्तीफा दिया है।
दास ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ की गई कार्रवाई की समीक्षा के लिए ‘शायद ही कोई गुंजाइश’ है। उन्होंने यह भी कहा कि आरबीआई व्यापक मूल्यांकन के बाद ही विनियमित संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई करता है।
सरकार ने भारत के साथ भूमि सीमा साझा करने वाले देशों से किसी भी क्षेत्र में विदेशी निवेश से पहले उसकी मंजूरी लेना अनिवार्य कर दिया था। इस कदम का मकसद कोविड-19 महामारी के बाद घरेलू कंपनियों के अवसरवादी अधिग्रहण को रोकना था।
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन जे ने कहा कि वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) के खिलाफ कार्रवाई लगातार नियमों का अनुपालन नहीं करने के कारण की गयी है। इसके बाद यह अनुमान लगाया जा रहा है कि 29 फरवरी के बाद पेटीएम पेमेंट्स बैंक का लाइसेंस हमेशा के लिए रद्द हो सकता है।
जब से RBI ने पेटीएम पेमेंट बैंक के खिलाफ कड़ा ऐक्शन लिया है तब से पेटीएम के यूजर्स परेशान हैं। 29 फरवरी के बाद से पेटीएम पेमेंट बैंक की तरफ से जारी किए गए फास्टैग काम नहीं करेंगे। ऐसे में अब कई यूजर्स इसे डीएक्टिवेट करने में लगे हुए हैं। हम आपको फास्टैग को पेटीएम से हटाने का सिंपल प्रॉसेस बताते हैं।
पेटीएम की ओर से अपने ई-कॉमर्स कारोबार का नाम बदलकर पाई प्लेटफॉर्म्स कर दिया गया है। कंपनी ने तीन महीने पहले इसके लिए आवदेन किया था।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बृहस्पतिवार को कहा था कि कोई प्रणालीगत चिंता नहीं है और पेटीएम पर कार्रवाई ‘‘अनुपालन की कमी’’ के कारण हुई है। ऐसी अटकले हैं कि आरबीआई के आदेश के बाद पेटीएम पेमेंट्स बैंक की स्वतंत्र निदेशक मंजू अग्रवाल ने निदेशक मंडल से इस्तीफा दे दिया है।
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