वित्त वर्ष 2023-24 में स्मॉल-कैप फंड में 40,188 करोड़ रुपये का प्रवाह देखा गया, जो पिछले वित्त वर्ष में दर्ज 22,103 करोड़ रुपये से कहीं अधिक है।
स्मॉलकैप फंडों में सितंबर 2021 के बाद पहली बार ₹94.2 करोड़ की निकासी हुई है।, एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के अनुसार, मार्च में मिडकैप फंडों में महीने दर महीने 43% की गिरावट देखी गई और यह ₹1,017.69 करोड़ हो गया।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिटेल रिसर्च प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि अगले हफ्ते में कम ट्रे़डिंग डे होने होने और डेरिवेटिव की मासिक समाप्ति के कारण, कुछ अस्थिरता देखने को मिल सकती है, जबकि निफ्टी के उच्च स्तर पर मजबूत होने की संभावना है।
आंकड़ों के मुताबिक, मिड कैप म्यूचुअल फंड ने 2023 में लगभग 23,000 करोड़ रुपये जुटाए, जबकि स्मॉल कैप योजनाओं के लिए यह आंकड़ा 41,000 करोड़ रुपये से अधिक था। बढ़ते निवेश पर बाजार नियामक सेबी ने पिछले दिनों चिंता जताई थी।
डीमैट अकाउंट्स (Demat Account) में जोरदार बढ़ोतरी, जो अब 132 मिलियन (13.2 करोड़) तक पहुंच गई है, बाजार में तेजी में प्रमुख भूमिका निभा रही है, जबकि लार्ज कैप एफआईआई की बिकवाली के दबाव में हैं।
बाजार विश्लेषकों के अनुसार भारतीय शेयर बाजार के लिए यह एक उथल-पुथल भरा साल था। उच्च ब्याज दर, तेज महंगाई और रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे कई नकारात्मक कारकों का असर शेयर बाजारों पर हुआ।
इस साल 27 दिसंबर तक बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक 940.72 अंक यानी 3.19 प्रतिशत नीचे आया।
इस साल 20 जून को बीएसई स्मॉलकैप अपने 52 सप्ताह के निचले स्तर 23,261.39 अंक पर आ गया था। यह 18 जनवरी को अपने एक साल के शिखर 31,304.44 अंक पर था।
बीते एक साल में स्मालकैप शेयरों ने शानदार रिटर्न दिया है। लार्जकैप या मिडकैप इंडेक्स की तुलना में कई स्मालकैप ने कई गुना अधिक रिटर्न दिया है।
सेबी के नए नियमों के मुताबिक मल्टीकैप फंड को निवेश का कम से कम 25% हिस्सा स्मॉलकैप में रखना होगा। हालांकि बाद में सेबी ने साफ किया कि फंड अपनी योजनाओं का उसके पोर्टफोलियो से मिलती जुलती दूसरी योजनाओं में मर्जर कर सकते हैं।
शेयर बाजार की तेजी में रिलायंस का मिड-स्मॉलकैप फंड, L&T मिडकैप फंड, DSP बीआर स्मॉल-मिडकैप म्यूचुअल फंड ने पिछले एक महीने में 3% का निगेटिव रिटर्न दिया है।
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