नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली की हवा में इन दिनों केवल धुंध नहीं, बल्कि हमारी सांसों पर मंडराता खतरा भी है। प्रदूषित हवा ने दिल्ली को अपनी गिरफ्त में लिया हुआ है और एयर क्वालिटी ''गंभीर'' कैटेगरी में पहुंच चुकी है। इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने लोगों के स्वास्थ्य और हालात की गंभीरता के मद्देनजर अहम एडवाइजरी जारी की है। सुप्रीम कोर्ट ने रविवार को वकीलों और खुद पेश होने वाले पक्षकारों से अनुरोध किया कि वे जहां तक संभव हो, कोर्ट की कार्यवाही में हाइब्रिड मोड यानी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हों। यह सलाह ऐसे समय में आई है, जब बढ़ते वायु प्रदूषण की वजह से दिल्ली में बाहर निकलना सेहत के लिए जोखिम भरा हो रहा है।
अदालत से भीड़ कम करना जरूरी
सुप्रीम कोर्ट की तरफ से जारी किए गए इस नोटिफिकेशन में कहा गया कि प्रदूषण से संबंधित स्वास्थ्य परेशानियों को ध्यान में रखते हुए कोर्ट परिसरों में अनावश्यक भीड़ को कम करना जरूरी है। इसी मकसद से यह स्टेप लिया गया है, ताकि न्यायिक प्रक्रिया भी चलती रहे और लोगों की स्वास्थ्य भी अच्छा बना रहे।
दिल्ली में बिगड़ी हवा की सेहत
दिल्ली में रविवार को एक्यूआई 461 दर्ज किया गया। हवा की धीमी रफ्तार और गिरते तापमान की वजह से प्रदूषक सतह के करीब ही हैं। वजीरपुर स्थित एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग सेंटर ने दिन के दौरान अधिकतम संभव एक्यूआई 500 दर्ज किया। सीपीसीबी इसके बाद डेटा को दर्ज नहीं करता है। वहीं, सीपीसीबी के समीर ऐप के मुताबिक, रविवार को शाम 4 बजे तक दिल्ली के 39 एक्टिव AQI निगरानी केंद्रों में से 38 पर प्रदूषण का गंभीर लेवल दर्ज हुआ, जबकि सिर्फ शादीपुर में यह बहुत खराब कैटेगरी में था।
500 तक पहुंच गया AQI का स्तर
रोहिणी में भी दिन के वक्त AQI का लेवल 500 तक चला गया, जबकि जहांगीरपुरी, मुंडका और अशोक विहार में एक्यूआई 499 रजिस्टर हुआ। इसकी वजह से दिल्ली में घना कोहरा छाया हुआ है और एक्यूआई एक दिन पहले के 432 से बढ़कर रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गया। ऐसा अप्रैल, 2015 में AQI मॉनिटरिंग सिस्टम शुरू होने के बाद पहली बार हुआ है।
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