धरती पर ऐसी 5 जगह हैं जहां रहने वाले लोग औसतन 100 साल तक जीते हैं। साल 2004 में रिसर्चर गिएनी पेस और माइकल पॉलेन इटली में नूओरो प्रांत में सार्डिनिया नाम की एक जगह की खोज की थी। जिसके बारे में कहा गया कि यहां रहने वाले लोगों की औसतन आयु 100 साल के आसपास होती हैं। जबकि ऐसा दूसरी जगहों पर नहीं होता है। इसके बाद डेन ब्यूटनर ने Blue Zone में चार नई जगहों को शामिल किया। जहां के लोगों में सार्डिनिया के लोगों जैसी समानताएं पाई गईं। यहां रहने वाले लोगों को लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियां न के बराबर हैं। यहां के लोग बिना दवा के भी आसानी से 100 साल से ज्यादा जीते हैं।
ये हैं दुनिया के 5 ब्लू जोन
रिसर्चर गिएन्नी पेस, माइकल पॉलैन और डेन ब्यूटनर ने धरती पर ऐसी 5 जगहों को चिन्हित किया है जिन्हें ब्लू जोन कहा जाता है। इन जगहों में ग्रीस का इकारिया, इटली का सार्डिनिया, जापान का ओकिनावा, अमेरिका का लोमा लिंडा और कोस्टारिका का निकायो शामिल है।
सिंगापुर बना नया ब्लू जोन
अब सिंगापुर को नया ब्लू जोन घोषित किया गया है। सिंगापुर 2010-2020 तक 10 साल में 100 साल जीने वाले लोगों की संख्या दोगुनी हो गई। जिसके कारण अगस्त 2023 में सिंगापुर को दुनिया का छठा "ब्लू जोन" नाम दिया जाने लगा है। हालांकि सिंगापुर में ऐसा होने के पीछे सरकार वहां के निवेशकों का बड़ा रोल है। यही वजह है कि कुछ लोग सिंगापुर को ब्लू जोन नहीं मानते हैं। क्योंकि ब्लू जोन की खोज और आविष्कार नेशनल ज्योग्राफिक पत्रकार डैन ब्यूटनर ने की थी, जिन्होंने उन क्षेत्रों की पहचान करने का दावा किया था जहां संस्कृति, जीवनशैली, आहार और समुदाय के कारण बड़े पैमाने पर लोग लंबी उम्र तक स्वस्थ जीवन जीते हैं।
कैसे 100 साल जीते हैं ब्लू जोन में रहने वाले लोग?
वैज्ञानिकों की मानें तो आपके हेल्दी जीने में 20 से 30 प्रतिशत योगदान आपके जीन का होता है। इसके बाद पर्यावरणीय, खाना, लाइफस्टाइल जैसी जरूरी चीजें आपका जीवन निर्धारित करती हैं। इन्हीं नियमों के आधार पर ब्लू जोन में रहने वाले लोगों की उम्र ज्यादा होती है। ब्लू जोन में रहने वाले लोग बहुत सिंपल लाइफ जीते हैं। ये लोग पूरी तरह से शाकाहारी भोजन करते हैं और मांस-मछली के सेवन से दूर रहते हैं। हालांकि कुछ लोग सप्ताह में 1 दिन एनिमल प्रोडक्ट खाते हैं। लेकिन ज्यादातर लोगों की डाइट में 95 प्रतिशत प्लांट बेस्ड फूड शामिल होता है। ये लोग साबुत अनाज, रंग बिरंगे फल और सब्जियां खाते हैं। सीजनल खाना खाते और मिलावट से दूर रहते हैं। यही वजह है कि यहां रहने वाले लोगों में मोटापा, हार्ट डिजीज, डाइटबिटीज जैसी बीमारियां न के बराबर होती हैं।