टाटा ग्रुप पीएम मोदी के इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन को आगे बढ़ाने के लिए भारत में एआई चिप मैन्युफैक्चर करने की तैयारी में है। इसके लिए कंपनी ने दुनिया की लीडिंग कंप्यूटर चिप बनाने वाली कंपनी intel के साथ साझेदारी की है। टाटा ग्रुप आईफोन के बाद अब भारत में कंप्यूटर-लैपटॉप में इस्तेमाल होने वाली एआई चिप का भी निर्माण करेगी। रिपोर्ट के मुताबिक, आने वाले कुछ साल में ये दोनों कंपनियां मिलकर भारत में बड़े पैमाने पर एआई चिप बनाएगी।
भारत में बनेंगे एआई चिप
रिपोर्ट के मुताबिक, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स इसके लिए गुजरात में चिप मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाएगी। साथ ही, कंपनी असम में चिप असेंबलिंग और टेस्टिंग यूनिट सेटअप करने जा रही है। इन दोनों प्लांट्स के लिए कंपनी लगभग 14 बिलियन डॉलर का निवेश करने जा रही है। टाटा ग्रुप की इन फैक्ट्रियों में चिप बनाने के लिए इंटेल के एआई से जुड़ी डिजाइन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा। इन चिप्स को भविष्य में लॉन्च होने वाले एआई बेस्ड कंप्यूटर और लैपटॉप में यूज किया जाएगा।
अमेरिकी कंपनियां चीन से बाहर चिप मैन्युफैक्चरिंग से लेकर मोबाइल असेंबलिंग यूनिट्स लगाने पर जोर दे रही हैं। अमेरिका और चीन के बीच चल रहे ट्रेड वॉर की वजह से टेक्नोलॉजी कंपनियों को सप्लाई चेन की दिक्कत का सामना करना पड़ता है। भारत को चीन के विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है और मौजूदा सरकार की मेक इन इंडिया पॉलिसी कंपनियों को भारत में प्लांट लगाने में मदद कर रही है।
लोगों को फायदा
टाटा ग्रुप और इंटेल के बीच इस डील को लेकर Intel के सीईओ लिप-बू टैन ने कहा कि भारत दुनिया का बड़ा कम्प्यूटर बाजार बनकर उभर रहा है। यहां एआई वाले कंप्यूटर्स की डिमांड काफी तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में इस साझेदारी से दोनों कंपनियों को फायदा मिलेगा। वहीं, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के सीईओ रंधीर ठाकुर ने कहा है कि यह पार्टनरशिप लोगों के लिए फायदेमंद साबित होगा। इससे ग्राहकों को समय पर प्रोडक्ट डिलीवर होगा। यही नहीं, प्रोडक्ट की लागत भी कम होगी और नई टेक्नोलॉजी बाजार में जल्दी उतारी जा सकेगी।
इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन
पीएम मोदी ने भारत में चिप मैन्युफैक्चरिंग पर जोर देने के लिए इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन की शुरुआत की है। इसके तहत अब तक 10 से ज्यादा प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी जा चुकी है। टाटा ग्रुप और इंटेल की इस साझेदारी से इन दोनों कंपनियों के साथ-साथ सेमीकंडक्टर मिशन को भी फायदा पहुंचेगा और भारत दुनिया के टॉप कम्प्यूटर बाजारों में शामिल हो जाएगा। इसके अलावा भारत में नए रोजगार भी पैदा होंगे।
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