राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने रविवार को कहा कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले धड़े को असली शिवसेना के रूप में मान्यता देने और उसे ‘तीर-धनुष’ चुनाव निशान आवंटित करने के निर्वाचन आयोग के फैसले पर उन्होंने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है तथा वह इसको लेकर चल रहे विवाद में नहीं पड़ेंगे।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 2014 से 2022 का कालखंड का जब कभी भी भारत की चुनी हुई सरकारों का इतिहास लिखा जाएगा तो स्वर्णमयी अक्षरों से लिखा जाएगा।
एनसीपी की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि शिवसेना की स्थापना बालासाहेब ठाकरे ने की थी और उनकी इच्छा थी कि पार्टी को उद्धव ठाकरे ही चलाएं, लेकिन यह फैसला उनकी इच्छा का अपमान है।
एकनाथ शिंदे ने चुनाव आयोग के इस फैसले को लोकतंत्र की जीत बताया है। इस मामले में अब उद्धव ठाकरे सुप्रीम कोर्ट जाने वाले हैं। उद्धव ठाकरे की शिवसेना सोमवार को चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने वाले हैं।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैं कहना चाहता हूं कि उन्हें बालासाहेव ठाकरे का चेहरा चाहिए, उन्हें चुनाव चिन्ह चाहिए, लेकिन शिवसेना की फैमिली नहीं।
महाराष्ट्र में मचे राजनीतिक बवाल के बीच एनसीपी चीफ शरद पवार ने उद्धव ठाकरे को नसीहत दी है और कहा है कि पार्टी या चुनाव चिह्न से क्या होता है, जो मिल रहा है उसे स्वीकार कर लो।
निर्वाचन आयोग ने मुख्यमंत्री शिंदे के नेतृत्व वाले धड़े को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी और पार्टी का मूल चुनाव चिन्ह 'तीर-कमान' प्रदान किया।
चुनाव आयोग पर बरसते हुए उद्धव ने कहा कि मुझे लगता है कि जैसे जज चुनने की प्रक्रिया है, वैसे ही चुनाव आयुक्त की भी नियुक्ति होनी चाहिए।
एकनाथ शिंदे ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर शिवसेना के चुनाव चिन्ह् 'धनुष और बाण' को प्रोफाइल पिक्चर बना ली है। वहीं, चुनाव आयोग के फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए सीएम शिंदे ने कहा कि आज निर्वाचन आयोग ने जो निर्णय लिया है, उसका मैं स्वागत करता हूं।
चुनाव आयोग ने कहा कि 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना के 55 विजयी उम्मीदवारों में से एकनाथ शिंदे का समर्थन करने वाले विधायकों के पक्ष में लगभग 76 फीसदी मत पड़े।
उद्धव ठाकरे को बहुत बड़ा झटका लगा है। चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला लिया है। शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट को शिवसेना नाम मिला है। धनुष बाण चुनाव निशान एकनाथ शिंदे गुट को मिला है।
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र राजनीतिक संकट से संबंधित मामलों को तुरंत सात-न्यायाधीशों की एक बड़ी बेंच को भेजने से इनकार कर दिया।
नौपाड़ा पुलिस ने मामले में हत्या की कोशिश और जान से मारने की धमकी का FIR दर्ज कर मौके पर मौजूद 4 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया है और अब जितेंद्र आव्हाड पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।
एनसीपी की ठाणे इकाई ने एकनाथ शिंदे पर कटाक्ष करने के लिए अपने एक सदस्य के जन्मदिन समारोह के अवसर को इस्तेमाल किया। एनसीपी विधायक जितेंद्र आव्हाड ने ‘खोखा’ की तरह बनाया गया केक काटा।
इससे पहले आदित्य ठाकरे ने पिछले शुक्रवार को मुंबई में कहा था, "मैंने इस असंवैधानिक मुख्यमंत्री को चुनौती दी है कि मैं वर्ली से विधायक पद से इस्तीफा दे दूंगा और आप मेरे खिलाफ चुनाव लड़िये। देखते हैं आप वर्ली से कैसे जीतते हैं।"
आदित्य ठाकरे के चैलेंज पर जवाब देते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि हमने 6 महीने पहले एक बड़ी चुनौती स्वीकार की थी और उसे पूरा करके भी दिखाया था।
अपने संबोधन में एकनाथ शिंदे ने कहा कि मैं आपको एक बात बताता हूं। शिवसेना में जब बगावत चल रही थी। इस दौरान गुरुदेव जी ने फोन करके मुझे आशीर्वाद दिया। इसपर हमने गुरुदेव से कहा कि हमने लड़ाई शुरू कर दी है।
आनंद दिघे की लोकप्रियता ने ठाणे को अविभाजित शिवसेना के लिए सबसे सुरक्षित सीट बना दिया था, लेकिन पिछले साल जून में शिंदे की बगावत के बाद क्षेत्र में पार्टी के समर्थन का ज्यादातर हिस्सा उनके (शिंदे) बालासाहेबांची शिवसेना के खाते में चला गया।
महाराष्ट्र के हिंगोली से शिंदे गुट के विधायक संतोष बांगर की गुंडागर्दी का वीडियो सामने आया है। उन्होंने स्कूल प्रिंसिपल से विवाद के दौरान अपने सहयोगी से प्रिंसिपल के बाल खिंचवाए और मारपीट की है।
देसाई ने कहा, 'पूरी दलील विरोधाभासी थी।' ठाकरे गुट के एक अन्य नेता अनिल परब ने ‘मुख्य नेता’ पद की वैधता पर सवाल उठाते हुए कहा कि पार्टी संविधान में किसी व्यक्ति को इस पद पर नियुक्त करने के लिए कोई प्रावधान मौजूद नहीं है।
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