एफपीआई ने एक से चार नवंबर के बीच भारतीय इक्विटी बाजारों में 15,280 करोड़ रुपये का निवेश किया।
बाजार विश्लेषकों का मानना है कि एफपीआई की बिकवाली के बावजूद घरेलू संस्थागत निवेशकों और खुदरा निवेशकों के खरीदार बने रहने से शेयर बाजारों को मजबूती मिल रही है।
जानकारों का मानना है कि आने वाले महीनों में भी एफपीआई की गतिविधियों में उतार-चढ़ाव का सिलसिला कायम रहने की संभावना है। उन्होंने इसके लिए वैश्विक कारकों के अलावा घरेलू कारणों को भी जिम्मेदार माना है।
इस साल अप्रैल से अब तक एफपीआई ने इक्विटी में 80,000 करोड़ रुपए का निवेश किया है। इसमें आधे से ज्यादा निवेश अकेले अगस्त में हुआ है।
डिपोजिटरी के आंकड़े के अनुसार, एफपीआई ने शेयर बाजारों में 6,301.96 करोड़ रुपए शुद्ध निवेश किए जबकि बांड बाजार से 3,688.94 करोड़ रुपए निकाले।
आने वाले दिनों में विदेशी पोटफोलियो निवेशकों का प्रवाह इस बात पर निर्भर करेगा कि आने वाली तिमाहियों में अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन कैसा रहता है और कंपनियों के तिमाही परिणाम कैसे आते हैं।
FPI ने मार्च में भारतीय पूंजी बाजारों में रिकॉर्ड 57,000 करोड़ रुपए का निवेश किया। निवेशकों को उम्मीद है कि सरकार साहसी कदम उठाएगी।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने अभी तक कैपिटल मार्केट्स में करीब 6,800 करोड़ रुपए (एक अरब डॉलर) का निवेश किया है।
FPI ने अगस्त में भारतीय शेयर बाजारों में 9,000 करोड़ रुपए डाले हैं। वैश्विक और घरेलू कारकों से भारतीय शेयरों के प्रति एफपीआई का आकर्षण कायम है।
सकारात्मक वैश्विक संकेतों और जीएसटी पास होने के कारण एफपीआई ने चालू महीने के पहले सप्ताह में भारतीय शेयर बाजारों में करीब 2,300 करोड़ रुपए डाले हैं।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने जुलाई महीने में भारतीय शेयर बाजारों में 12,600 करोड़ रुपए का निवेश किया। चार महीने में यह सर्वाधिक है।
सेबी के पास अप्रैल में 269 नए FPI ने पंजीकरण कराया। इससे निवेशकों के भारत की आर्थिक वृद्धि यात्रा का हिस्सा बनने की इच्छा का संकेत मिलता है।
एफपीआई ने अप्रैल-जून तिमाही में सेंसेक्स आधारित 16 कंपनियों में अपना निवेश बढ़ाते हुए 17,000 करोड़ रुपए (मौजूदा मूल्यांकन) से अधिक मूल्य के शेयर खरीदे।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) द्वारा जून में अभी तक देश के शेयर बाजार में 4,400 करोड़ रुपए का निवेश किया गया है।
विदेशी निवेशकों का भारत को लेकर रुख सकारात्मक बना हुआ है। FPI ने शेयरों में अप्रैल में 8,416 करोड़ रुपए तथा मार्च में 21,143 करोड़ रुपए निवेश किए।
विदेशी निवेशकों ने मई में भारतीय बांड बाजार से करीब 6,000 करोड़ रुपए निकाले हैं। जबकि इससे पूर्व महीने में विदेशी निवेशकों ने बाजार में जमकर निवेश किया था।
दरों में कटौती और अच्छे मानसून की उम्मीद में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने अप्रैल महीने में अब तक भारतीय बाजार में एक अरब डॉलर का निवेश किया है।
एफपीआई ने वैश्विक बाजारों के सकारात्मक रुख के बीच शेयर बाजारों में पिछले चार कारोबारी सत्रों में 4,100 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया है।
विदेशी निवेशक भारत के प्रति सकारात्मक है। आठ महीनों के दौरान सेबी के पास 1,800 से अधिक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है।
2014 में निवेशकों को मालामाल करने वाले शेयर बाजार ने इस निराश किया है। भारी उतार-चढ़ाव के बीच 2015 शेयर बाजार के लिए चार साल का सबसे बुरा दौर रहा।
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