FPI ने 2016-17 में पूंजी बाजार में 49,000 करोड़ रुपए से अधिक राशि का निवेश किया। 2015-16 में शुद्ध रूप से 18,175 करोड़ रुपए की पूंजी निकासी की थी।
FPI ने मार्च में भारतीय पूंजी बाजारों में रिकॉर्ड 57,000 करोड़ रुपए का निवेश किया। निवेशकों को उम्मीद है कि सरकार साहसी कदम उठाएगी।
एफपीआई विधानसभा चुनाव में भाजपा की शानदार जीत से उत्साहित हैं। विदेशी निवेशक उम्मीद कर रहे हैं कि अब सरकार अधिक साहसी सुधारात्मक कदम उठाएगी।
इस हफ्ते शेयर बाजार की दिशा घरेलू और वैश्विक बाजारों के रुझान, FPI और DII के रुख, डॉलर के खिलाफ रुपए की चाल और कच्चे तेल की कीमतें मिलकर तय करेंगे।
एफपीआई ने इस महीने अभी तक भारतीय पूंजी बाजार में 10,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया है। आगे भी निवेश जारी रहने की संभावना है।
महाशिवरात्रि के मौके पर घरेलू शेयर, कमोडिटी और करेंसी बाजार शुक्रवार को पूरे दिन बंद रहेंगे। अब सोमवार यानी 27 फरवरी को कारोबार होगा।
FPI की BSE-200 कंपनियों में हिस्सेदारी अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में घटकर 305 अरब डॉलर रह गई। एफपीआई ने टेक, कंज्यूमर और फार्मा सेक्टर में भारी बिकवाली की।
नियामक और प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा दुरूपयोग को रोकने के लिए उठाए गए कदमों के बाद HSBC और UBS समेत कई विदेशी निवेशकों ने P-Note जारी करना बंद कर दिया है।
कम कारोबारी सत्र वाले सप्ताह के दौरान शेयर बाजार में उतार- चढ़ाव भरे कारोबार की संभावना है। एफ एंड ओ की एक्सपायरी, मौजूदा चुनावों का असर बाजार पर पड़ेगा।
P-Note की सुविधा का कथित तौर पर दुरुपयोग किए जाने के खिलाफ कार्रवाई में SEBI ने 5 FII द्वारा भारतीय नागरिकों को P-Note जारी किए जाने के मामले पकड़े हैं।
फरवरी महीने के पहले तीन दिन में FPI ने पूंजी बाजार में 2,300 करोड़ रुपए डाले हैं। FPI टैक्सेशन पर स्थिति स्पष्ट होने के बाद वे निवेश कर रहे हैं।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने भारतीय पूंजी बाजार से जनवरी में अब तक 5,100 करोड़ रुपए की निकासी की है।
विशेषज्ञों के अनुसार, टीसीएस और इंफोसिस जैसी अग्रणी कंपनियों के तिमाही परिणाम तथा आर्थिक आंकड़ों की घोषणाएं शेयर बाजार की दिशा निर्धारित करेंगी।
सेबी ने स्टार्ट-अप कंपनियों में निवेश को बढ़ावा देने के लिए एंजल निवेश के नियमों में ढील दी है। निवेशक अब पांच साल तक पुरानी इकाइयों में पूंजी लगा सकेंगे।
पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी-नोट्स) के जरिये घरेलू पूंजी बाजार में निवेश अक्टूबर महीने में घटकर करीब ढाई साल के निचले स्तर दो लाख करोड़ रुपए पर आ गया।
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अनिश्चितता के बीच FPI ने सिर्फ चार कारोबारी सत्रों में भारतीय पूंजी बाजार से 2,000 करोड़ रुपए की निकासी की है।
Repo Rate में कटौती तथा सकारात्मक वैश्विक रुख के चलते Foreign Investors ने इस महीने के पहले सप्ताह में शेयर बाजारों में 1,445 करोड़ रुपए का निवेश किया है।
एक हजार से अधिक नए विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ( FPI ) ने 2016-17 में अप्रैल-जुलाई के दौरान पूंजी बाजार नियामक सेबी के पास पंजीकरण कराया है।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने अभी तक कैपिटल मार्केट्स में करीब 6,800 करोड़ रुपए (एक अरब डॉलर) का निवेश किया है।
FPI ने अगस्त में भारतीय शेयर बाजारों में 9,000 करोड़ रुपए डाले हैं। वैश्विक और घरेलू कारकों से भारतीय शेयरों के प्रति एफपीआई का आकर्षण कायम है।
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