भारत और चीन में चल रही तनातनी के बीच सोनू निगम ने वीडियो शेयर कर पूछा है कि क्या हम अपने देश के जवानों का साथ नहीं सकते?
भारत-चीन सीमा झड़पों और इसके बाद दोनों पक्षों में चल रही तनातनी के मद्देनजर भारतीय व्यापार और उद्योग की सबसे बुरी आशंकाएं सच होती दिख रही हैं।
चीनी एयरफोर्स ने पिछले कुछ दिनों में बॉर्डर के पास इलाकों में हलचल तेज कर दी है। जिसको लेकर भारत की हर खतरे से निपटने के लिए तैयार है।
गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में 15 जून को चीन के साथ हिंसक झड़प में भारत के 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए। पूर्व रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत संचार उद्देश्यों के लिए अपने क्षेत्र के भीतर गलवान घाटी में एक सड़क बना रहा था।
चीन की हरकतों के मद्देनजर लद्दाख में भारतीय सेना पूरी तरह से अलर्ट और एक्टिव है।आर्मी, एयरफोर्स, नेवी तीनों ने अपनी ऑपरेशनल कैपेबिलिटी बढा दी है।
उन्होंने ‘राजीव गांधी फाउंडेशन’ द्वारा चीनी दूतावास से कथित तौर पर अनुदान लेने को लेकर कांग्रेस को आड़े हाथों लिया और कहा कि इस पर और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ करार पर कांग्रेस के नेताओं की ‘चुप्पी’ हैरान करने वाली है।
पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच जारी तनाव के बीच चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिसरी ने कहा है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव खत्म करने का एकमात्र रास्ता है कि चीन वहां नए निर्माण को रोके।
राहुल गांधी ने गलवान घाटी में शहीद हुए 20 जवानों के सम्मान में कांग्रेस की ओर से ‘शहीदों को सलाम दिवस’ मनाए जाने के मौके पर एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘हिंदुस्तान के वीर शहीदों को मेरा नमन। पूरा देश एक होकर सेना और सरकार के साथ खड़ा है।’’
कांग्रेस अध्यक्ष ने सवाल किया, ‘‘आज जब हम शहीदों को नमन कर रहे हैं तो देश जानना चाहता है कि अगर चीन ने लद्दाख में हमारी सरमजमीं पर कब्जा नहीं किया तो फिर हमारे 20 सैनिकों की शहादत क्यों और कैसे हुई?’’
दरअसल चीन के साथ लद्दाख रीजन में दो जगहों पर टेंशन है। पहला तो गलवान वैली और दूसरी पेंगोग त्सो लेक के आसपास। इन दोनों इलाकों की लेटेस्ट तस्वीरें इंडिया टीवी के पास है
उन्होंने कहा कि हमें न सिर्फ चीन की क्षमताओं पर बल्कि उसकी मंशा पर भी ध्यान रखने की जरूरत है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने एक ऑनलाइन ब्रीफिंग में पूर्वी लद्दाख क्षेत्र वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास हुए घटनाक्रमों का क्रमिक ब्योरा दिया और 15 जून को गलवान घाटी में हुए हिंसक संघर्ष के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दक्षिण कोरिया के प्रधानमंत्री मून-जे-इन के कोरियाई महाद्वीप में शांति प्रयासों की भी सराहना की। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वीडियो संदेश को सोल में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान दिखाया गया।
चीन के राजदूत सुन वेइडोंग ने एक सवाल के जवाब में कहा कि मौजूदा सीमा विवाद के समाधान की जिम्मेदारी चीन पर नहीं है। भारत द्वारा उठाए गए कदम विभिन्न द्विपक्षीय समझौतों की भावनाओं के अनुरुप नहीं हैं।
चीन की फौज पैंगोंग झील को छोड़कर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सभी नो मैन लैंड वाले इलाकों से पीछे हटी है। लेकिन पैंगोंग झील पर चीन फौज अपने वादे के मुताबिक पीछे नहीं जा रही है।
गलवान वैली में चीन की घुसपैठ को लेकर कई तरह के दावे किए जा रहे हैं और कई सवाल उठ रहे हैं लेकिन पहली बार गलवान वैली की तस्वीरें सामने आई हैं।
चीन और भारत को एक दूसरे का बेहद अहम पड़ोसी बताते हुए चीन के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि चीन-भारत सीमा पर अमन-चैन बनाकर रखना दोनों पक्षों के साझा हितों में है और इसके लिए संयुक्त प्रयासों की जरूरत है।
सोमवार को करीब 11 घंटे तक चली कोर कमांडर्स की मीटिंग में तय हुआ कि भारत और चीन दोनों देशों की फौज अपनी अपनी पुरानी पोजीशन पर लौटेगी।
साइबर शाखा के विशेष पुलिस महानिरीक्षक यशस्वी यादव ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों की सेनाओं के बीच तनाव के बाद ऑनलाइन हमले बढ़े हैं।
चीन के प्रोपेगेंडा अखबार की इस फर्जी खबर की रक्षा मंत्रालय ने कुछ ही मिनटों में हवा निकाल दी। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि रूस में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का अपनी चीनी समकक्ष से मिलने का कोई कार्यक्रम नहीं हैं।
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