इंडिया टीवी-सीएनएक्स ओपिनियन पोल के मुताबिक, बीजेपी अपने 350 सीटों के लक्ष्य के बिल्कुल करीब पहुंच सकती है जबकि कांग्रेस इतिहास का अपना सबसे बुरा प्रदर्शन कर सकती है।
Lok sabha elections 2024: तमिलनाडु की सियासी रणभूमि में किसकी जीत होगी और किसे हार का मुंह देखना पड़ेगा, यह तो वक्त ही बताएगा। लेकिन जनता के रुझान को जानने के लिए इंडिया टीवी-CNX ने एक ओपिनियन पोल किया है जिसके नतीजे आपके सामने हैं।
भारत सरकार की तरफ से जैसे ही CAA कानून को लागू किया गया, देश में मुसलमानों के बीच एक डर देखने को मिल रहा है। आखिर मुसलमानों के बीच CAA को लेकर क्या डर है?
लोकसभा के चुनाव नजदीक आ रहे हैं। इसी के मद्देनजर इंडिया टीवी ने देश में ओपिनियन पोल के जरिए जनता का मन टटोला। जिसके तहत गोवा की जनता का मन जाना गया।
देश में कुल 543 लोकसभा सीटों पर चुनाव होगा। इनमें असम में लोकसभा की कुल 14 सीटें हैं। 2019 के चुनाव में बीजेपी असम की 9 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी।
इंडिया टीवी-CNX के ओपिनियन पोल के मुताबिक, मिथिलांचल की 9 सीटों में से 8 सीटें एनडीए को मिलती दिख रही हैं। वहीं इंडी गठबंधन को एक सीट मिलती दिख रही है।
लोकसभा चुनाव पर INDIA TV-CNX का ओपिनियन पोल सामने आया है। इस पोल को एक लाख 60 हजार से ज्यादा लोगों के बीच कराया गया है। इस स्टोरी में हम पश्चिमी यूपी की 8 सीटों के बारे में जानेंगे।
साल 2024 में लोकसभा चुनाव का आयोजन किया जाएगा। इस चुनाव के मद्देनजर सभी राजनीतिक पार्टियां कमर कस चुकी हैं। ऐसे में सत्ताधारी दल हो या विपक्ष दोनों ही पुरजोर कोशिश करने में जुट चुकी हैं। इस बीच जनता की राय जानने के लिए इंडिया टीवी सीएनएक्स द्वारा ओपिनियन पोल का आयोजन किया गया, जिसके रिजल्ट चौंकाने वाले हैं।
लोकसभा चुनाव 2024 में किसकी जीत होगी। एनडीए गठबंधन या फिर विपक्षी गठबंधन कौन बाजी मारेगा। ऐसे में जनता की राय जानने के लिए इंडिया टीवी सीएनएक्स द्वारा ओपनियन पोल का आयोजन किया गया, जिसके रिजल्ट चौंकाने वाले हैं।
देश के 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव इस साल होने वाले हैं। वहीं लोकसभा चुनाव 2024 में होगा। इस बाबत जनता की राय जानने के लिए इंडिया टीवी सीएनएक्स द्वारा ओपिनियन पोल का आयोजन किया गया। इस ओपिनियन पोल के रिजल्ट चौंकाने वाले हैं।
उत्तर प्रदेश राजनीतिक हिसाब से सबसे बड़ा सूबा है। यहां से 80 सांसद चुनकर लोकसभा पहुंचते हैं। यहां जिस पार्टी या गठबंधन का दबदबा रहता है, वह ही केंद्र में सरकार बनाता है। इसलिए सभी पार्टियों के लिए यूपी बेहद ही महत्वपूर्ण है।
केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाने में गुजरात ने बेहद ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का यह गृह राज्य भी है। गुजरात बीजेपी का गढ़ रहा है। लेकिन क्या इस बार बीजेपी के गढ़ में कुछ सेंध लग रही है?
लोकसभा चुनाव 2024 में अब ज्यादा समय नहीं बचा है। राजनीतिक पार्टियों ने इन चुनावों के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। उससे पहले INDIA TV-CNX ओपिनियन पोल में जनता का मूड सामने आया है। जानिए कौन बना रहा दिल्ली के दिल में जगह-
लोकसभा चुनाव 2024 में अब ज्यादा समय नहीं बचा है। राजनीतिक पार्टियों ने इन चुनावों के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। उससे पहले INDIA TV-CNX ओपिनियन पोल में जनता का मूड सामने आया है। जानिए छत्तीसगढ़ में कौन बना रहा बढ़त-
राजस्थान में पिछले दो लोकसभा चुनाव में बीजेपी 25 में से 25 सीटें जीतती आई है लेकिन इस बार आंकड़े कुछ और ही हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव के आंकड़ों पर नजर डालें तो बीजेपी को 20 में से 25 सीटें मिली थी। जबकि कांग्रेस यहां खाता भी नहीं खोल पाई।
लोकसभा चुनाव 2024 में अब ज्यादा समय नहीं बचा है। राजनीतिक पार्टियों ने इन चुनावों के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। उससे पहले INDIA TV-CNX ओपिनियन पोल में जनता का मूड सामने आया है। जानिए पूर्वोत्तर में कौन बना रहा है बढ़त-
लोकसभा चुनाव 2024 में अब ज्यादा समय नहीं बचा है। राजनीतिक पार्टियों ने इन चुनावों के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। उससे पहले INDIA TV-CNX ओपिनियन पोल में जनता का मूड सामने आया है। जानिए मनिपुर में जनता किस पार्टी को कर रही है पसंद-
गुजरात में दो चरणों में 1 और 5 दिसंबर को वोटिंग होगी, जबकि मतगणना 8 दिसंबर को होगी। 8 दिसंबर की देर रात तक तय हो जायेगा कि प्रदेश में अगले 5 वर्षों तक कौन सी पार्टी सरकार चलाएगी। इससे पहले इंडिया टीवी-मैटेराइज़ ने सर्वे किया, जिसमें हैरान करने वाले आंकड़े सामने आए हैं।
आदिवासी सीटों पर बीजेपी को बढ़त मिलती दिखाई दे रही है। गुजरात में करीब 15 फीसदी आदिवासी वोटर्स हैं। एमपी के झाबुआ, आलीराजपुर से सटे गुजरात के इलाकों में बड़ी संख्या में आदिवासी मतदाताओं की संख्या है। सर्वे के अनुसार आदिवासी वोट पाने में सबसे आगे बीजेपी है।
गुजरात के सौराष्ट्र इलाके को चुनाव के रणनीतिकार सबसे ज्यादा अहमियत देते हैं और गुजरात की सत्ता का फैसला इसी इलाके के वोटरों का रूख तय करता है। गुजरात की 182 में से 54 सीटें सौराष्ट्र-कच्छ के इलाके में ही हैं।
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