आज के समय में म्यूचुअल फंड में कई बड़े निवेशक भी इन्वेस्ट कर रहे हैं। अगर आप भी नए साल में बेहतर रिटर्न के लिए निवेश प्लान की तलाश कर रहे हैं तो यह एक शानदार विकल्प हो सकता है। आइए इसके बारे में पूरी डिटेल जानकारी लेते हैं।
सेंसेक्स सालाना आधार पर (25 दिसंबर तक) सिर्फ 1.12 प्रतिशत ऊपर है, लेकिन अभी भी यह दुनिया का सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला बड़ा बाजार है।
म्यूचुअल फंड में निवेश करना हमेशा एक बेहतर निवेश के रूप में देखा जाता है, क्योंकि इसमें जोखिम की संभावनाएं कम होती है, और एक्सपर्ट के मुताबिक, रिटर्न अधिक मिलता है। यहां डायरेक्ट म्यूचुअल फंड स्कीम के बारे में जानिए।
दुनियाभर में मंदी की आशंका के बीच भारतीय शेयर बाजार का प्रदर्शन शानदार बना हुआ है। इसके चलते विदेशी निवेशक एक बार फिर से यहां पैसा लगा रहे हैं।
बीते एक साल से शेयर बाजार में बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। हालांकि, इसके बावजूद भी निवेशकों का भरोसा डगमगाया नहीं है।
Mutual Funds: आदित्य बिड़ला सन लाइफ म्यूचुअल फंड, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड और निप्पन इंडिया म्यूचुअल फंड ने सिल्वर ईटीएफ शुरू किया है।
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Mutual Funds स्कीम में निवेश से पहले रखे इन 4 बातों का ख्याल, मिलेगा बंपर रिटर्न Mutual Funds Keep these 4 things in mind before investing you will get bumper returns
Retirement Planning: किसी स्कीम के नाम में रिटायरमेंट प्लान या Pension Plan लगा देने से यह साबित नहीं हो जाता कि वह आपके Retirement Planning के लक्ष्य को प्राप्त करने में सक्षम होगी।
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार में बड़ी गिरावट को देखकर म्यूचुअल फंड निवेशकों को घबराना नहीं चाहिए। अपने सिप को चालू रखना चाहिए। वहीं, अगर बाजार में बड़ी गिरावट आ गई और अब रिकवरी आने की बात विशेषज्ञ कर रहे हैं तो आप एकमुश्त रकम निवेश कर सकते हैं।
म्यूचुअल फंड नियमन में संशोधन के तहत सेबी कोष के लिये वित्त वर्ष 2023-24 से भारतीय लेखा मानकों (इंडिया एएस) का अनुकरण करने को अनिवार्य बनाएगा।
अपने बच्चे की शिक्षा के लिए कहां निवेश करें और निवेश में वृद्धि कैसे होगी इसका फैसला करने से पहले, यहां कुछ कारक हैं जिनपर हमेशा ध्यान देना चाहिए
अगर आपको भी कैश की कमी हो रही है तो आप अपने म्यूचुअल फंड को बंद न करके उसमें निवेश किए कुछ पैसे रिडीम कर सकते हैं।
आरबीआई ने कहा कि वह सतर्क है और कोविड-19 के आर्थिक प्रभाव को कम करने और वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं।
परिसंपत्तियों के आकार के आधार पर एचडीएफसी म्यूचुअल फंड शीर्ष स्थान पर है। उसके प्रबंधन के तहत परिसंपत्ति 3,82,517 करोड़ रुपए रही।
पूंजी बाजार में गतिविधियां बढ़ने के साथ ही निजी क्षेत्र की पीपीएफएएस म्यूचुअल फंड कंपनी के प्रबंधन के तहत कुल संपत्ति बढ़कर 2,700 करोड़ रुपए से ऊपर निकल गई है।
क्लीयर टैक्स के संस्थापक और सीईओ अर्चित गुप्ता यहां ऐसे पांच कारण बता रहे हैं कि आपको टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड (ईएलएसएस) में निवेश करने पर विचार क्यों करना चाहिए।
Arthlabh.com के आंकड़े बताते हैं कि परिसंपत्तियों के वर्गों के बीच में जब निवेश किया जाता है तो यह सहज निवेश के अनुभवों को लंबी अवधि में सुनिश्चित करता है।
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया(एंफी) के आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2018 में म्यूचुअल फंडों ने कुल 679 एनएफओ लॉन्च किए थे और इससे उन्होंने 1.24 लाख करोड़ रुपए जुटाये।
ग्रामीण इलाकों के निवेशकों को इस बदलाव में शामिल करने के लिए महिंद्रा एंड महिंद्रा समूह की म्यूचुअल फंड इकाई महिंद्रा म्यूचुअल फंड ने अगले पांच सालों में 1,300 जगहों पर अपनी उपस्थिति का लक्ष्य रखा है,
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