दिल्ली के सिंघु, गाजीपुर और टीकरी बॉर्डर पर किसान लंबे समय से धरना दिए हुए बैठे हैं, आंदोलन पिछले साल शुरू हुआ था और लगभग एक साल पूरा होने को है।
राकेश टिकैत ने कल कहा था कि अगर सरकार ने दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को जबरन हटाने की कोशिश हुई तो वे देश भर में सरकारी दफ्तरों को गल्ला मंडी बना देंगे।
किसानों ने साफ कर दिया कि वो फिलहाल दिल्ली के बॉर्डर को खाली करने के मूड में नहीं हैं। दिल्ली पुलिस भले ही रोड से अपने बोल्डर और बैरिकेडिंग हटा दे लेकिन किसान अपने तंबू नहीं हटाएंगे।
इंडिया टीवी के साथ बातचीत में ओवैसी ने कहा कि मुझे भी तकलीफ है कि भारत हार गया, हमें पाकिस्तान से मैच नहीं खेलना चाहिए था। जश्न मनाने वालों को सुधारने की जरूरत है।
दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने कहा कि गाड़ियों के आवामन के लिए हमने अभी गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर से बैरिकेड्स हटाए हैं।
राकेश टिकैत का कहना है कि किसानों ने नहीं बल्कि दिल्ली पुलिस ने रास्ते को रोक रखा है। दिल्ली पुलिस बैरिकेड हटा रही है तो किसान भी दिल्ली के लिए कूच करेंगे।
इसके अलावा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को उनके पद से हटाने की मांग के साथ सरकार को एक ज्ञापन सौंपा जाएगा उन्होंने कहा कि विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन से जुड़े सभी किसान समूह अखिल भारतीय प्रदर्शन का समर्थन करेंगे।
नए कृषि कानूनों को लेकर भाजपा नीत सरकार पर निशाना साधते हुए टिकैत ने कहा, ‘‘मैं किसानों से अनुरोध करूंगा कि वे आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को वोट न दें। संयुक्त किसान मोर्चा राज्य के विधानसभा चुनावों में भाजपा का विरोध करेगा।’’
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने गुरुवार को कहा कि 'हमने कहां रास्ता रोक रखा है, पुलिस ने रास्ता रखा है, हम पूरा रास्ता खोलेंगे, दिल्ली जाएंगे, हमने तो दिल्ली जाना है।'
राकेश टिकैत ने कहा कि सिंघु बॉर्डर पर मर्डर के पीछे बड़ी साजिश है। गिरफ्तारी हुई अब कानून अपना काम करेगा। सिंघु बॉर्डर पर पुलिस प्रशासन के सामने हत्या की गई।
किसान नेता ने कहा, "भाई कोई सुसाइड कर ले, कोई घटना हो जाए, सड़क पर कुछ चल रहे हैं आदमी एक्सिडेंट हो जाए तो इसमें कोई कर क्या सकता है। ये कोई सबका प्लान थोड़ी होता है, किसी एक आदमी का प्लान होता है। अब यहां किसी ने आंदोलन में सुसाइड कर लिया ये तो उसका व्यक्तिगत निर्णय है।"
टिकैत ने कहा कि पूरी दुनिया यह समझती है कि गृह राज्य मंत्री पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120-ब (साजिश रचने) के तहत मामला दर्ज हो चुका है।
लखीमपुर खीरी हिंसक घटना पर बोलते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि 'वे कौन थे जो गाड़ी में थे, जिन्होंने लोगों को मारा... जिन्होंने बाद में लाठी से हमला किया वह एक्शन का रिएक्शन है। कोई योजना नहीं है। वो हत्या में नहीं आता, हम उन्हें दोषी नहीं मानते।'
टिकैत ने 4 अक्टूबर को राज्य सरकार के साथ एक समझौता किया था जिसके बाद किसानों ने अपना विरोध समाप्त कर दिया था और मृत किसानों का पोस्टमॉर्टम किया गया था।
टिकैत ने लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में मारे गए किसान गुरविंदर सिंह के घर मंगलवार शाम पहुंचकर देर रात पत्रकारों से कहा कि मंत्री के पुत्र को कई लोगों ने घटनास्थल पर देखा है और लोगों के पास कई वीडियो हैं जो खीरी में इंटरनेट सेवा बहाल होते ही सामने आएंगे।
अधिकारियों ने बताया कि मृतकों में से चार कार में सवार व्यक्ति हैं, जो प्रत्यक्ष तौर पर उप्र के मंत्री का स्वागत करने आए भाजपा कार्यकर्ताओं के काफिले का हिस्सा थे। ऐसे आरोप हैं कि इनकी पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। वहीं चार अन्य किसान हैं।
NH-24 के जरिए दिल्ली-गाजियाबाद को जोड़ने वाले गाजीपुर बॉर्डर का दिल्ली से गाजियाबाद आने वाला मार्ग दिल्ली पुलिस ने बंद कर दिया है जबकि गाजियाबाद से दिल्ली की तरफ जाने वाला NH-24 का हिस्सा किसानों के प्रदर्शन की वजह से पहले से ही बंद है।
राकेश टिकैत ने कहा कि ये मांगे पूरी होने के बाद ही मृत किसानों का दाह संस्कार किया जाएगा। संवाददाता सम्मेलन में मौजूद अन्य किसानों ने आरोप लगाया कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे ने किसानों को गोली भी मारी है।
टिकैत ने कहा, हमने तो सुप्रीम कोर्ट में अर्जी नहीं डाली है, जिसने याचिका डाली है वो बताए, हम नहीं जानते कि कोर्ट में याचिका डालने वाले कौन हैं।
10 महीने से कृषि कानूनों का विरोध कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से कई ऐसे प्रयास हुए हैं जो सीधे सरकार के साथ टकराव को बढ़ावा देते नजर आए हैं, पहले किसान संगठनों ने विरोध के नाम पर दिल्ली के बॉर्डर सील कर दिए जिससे दिल्ली और एनसीआर में रह रहे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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