हाल ही में जहां गहलोत ने अपने एक वीडियो में पायलट को पार्टी में बड़ा कोरोना करार दिया, वहीं पायलट ने पेपर लीक को लेकर अपनी ही सरकार पर सवाल उठाए।
राजस्थान विधानसभा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा बजट भाषण की शुरुआत में पुराने बजट से कुछ लाइनें पढ़े जाने के मुद्दे पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चुटकी ले ली।
सीएम गहलोत ने ऐलान किया कि संविदा कर्मियों की पुरानी सेवा को भी सर्विस टेन्योर में शामिल किया जाएगा। सीएम ने संविदा कर्मियों को शोषण मुक्त करने की घोषणा की। उन्होंने कहा अब कर्मचारियों को संविदा पर नहीं लिया जाएगा।
सीएम गहलोत ने चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत प्रति परिवार बीमा कवर राशि को आगामी वित्त वर्ष से 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस योजना का नि:शुल्क लाभ अब ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर) परिवारों को भी मिलेगा।
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने आज बजट भाषण में कई बड़े ऐलान किए. कहा कि- उज्जवला योजना वाले 76000 परिवारों को सिलेंडर 500 रुपया में मिलेंगे, घरेलू उभोक्ताओ को 100 यूनिट बिजली फ्री मिलेगी।
मुख्यमंत्री गहलोत की इस बड़ी चूक पर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने हमला बोला है। वसुंधरा राजे ने कहा कि कोई भी मुख्यमंत्री बिन चेक किए कोई भाषण कैसे पढ़ सकता है। उन्होंने पूछा कि ऐसे सीएम के हाथ में राज्य कैसे सुरक्षित रह सकता है?
सीएम गहलोत खुद बजट पढ़ते-पढ़ते अटक गए। मनरेगा की 125 दिन शहरी रोजगार गारंटी योजना की जानकारी बजट में आते ही गलती का एहसास हुआ कि सीएम ने पुराना बजट पढ़ दिया है।
सीएम अशोक गहलोत आज सुबह 11 बजे विधानसभा पहुंचे और जैसे ही बजट भाषण पढ़ना शुरू किया विपक्ष ने पुराना बजट भाषण पढ़ने का आरोप लगाकर हंगामा मचाया। जिसके बाद सीएम अशोक गहलोत ने माफी मांगी और कहा कि गलती हो जाती है।
गहलोत कह चुके हैं कि आगामी बजट युवाओं और महिलाओं पर केंद्रित होगा और राज्य के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने वाला होगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा प्रयास है कि राजस्थान को देश का ‘नंबर एक’ राज्य बनाया जाए।
अशोक गहलोत ने अपनी सरकार के चार साल कार्यकाल की तुलना पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार के चार साल के कार्यकाल से करते हुए पार्टी पर निशाना साधा और दस सवाल पूछते हुए कहा कि वह चाहते हैं कि बीजेपी इन 10 सवालों का जवाब दे।
एक चौंकाने वाला खुलासा भी हुआ है। विधानसभा सचिव की तरफ से हाईकोर्ट में दिए गए हलफनामे में कहा गया है कि 81 विधायकों के इस्तीफे स्वैच्छिक नहीं थे। इसलिए इन्हें मंजूर नहीं किया गया।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पार्टी नेता और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को जवाब देते हुए कहा कि राज्य में कांग्रेस की 2018 में सत्ता में वापसी उनके पिछले कार्यकाल में किए गए काम के कारण हुई।
सचिन पायलट ने कहा कि व्यक्तिगत आलोचना करना, गाली देना और कठोर शब्द बोलना बहुत आसान है, और 32 दांतों के पीछे बिना हड्डी वाली जीभ का संतुलन और इस्तेमाल करना आना बहुत जरूरी है।
पायलट ने कहा राजनीति पर पटखनी देना चलता है लेकिन अपमान कर देना ठीक नहीं है। पायलट ने कहा-'मेरे बारे में क्या क्या नहीं बोला..आप लोग बताओ क्या क्या नहीं बोला. इज़्ज़त दोगे तो इज़्ज़त मिलेगी।'
''आप सही कह रहे हैं..पर अब मिलना शुरू हो गया है, पिछले सोमवार को मिला था। हुआ ये था कि हमारी पार्टी के अंदर कोरोना पहले आया और फिर बड़ा 'कोरोना' आ गया।''
पायलट पिछले दो दिनों से पेपर लीक की घटनाओं को लेकर अशोक गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कह रहे हैं कि पेपर लीक में शामिल बड़े 'सरगनाओं' को गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
नागौर की किसान रैली में सचिन पायलट का पूरा फोकस नौजवानों और किसानों पर ही था, तो वहीं निशाना बीजेपी पर था, लेकिन इशारों इशारों में सचिन पायलट ने पेपर लीक केस के बहाने अशोक गहलोत की सरकार को भी घेरा।
माना जा रहा है कि पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट कांग्रेस आलाकमान को समझाने की कोशिश कर रहे है कि अगर पार्टी को राज्य में आगामी विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करनी है तो जल्द ही बदलाव लाना होगा।
राष्ट्रीय महिला आयोग ने कहा कि उन्हें कई मीडिया रिपोर्ट मिली हैं, जिनमें सामने आया कि एक महिला अफसर ने आईएएस पवन अरोड़ा पर सेक्स रैकेट चलाने और उन्हें परेशान करने का आरोप लगाया है।
उन्होंने लिखा, ‘‘केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकारों को मानवीय दृष्टिकोण से विचार कर सामाजिक सुरक्षा के लिए राजस्थान की तरह देशभर में ओपीएस लागू करनी चाहिए।’’ मुख्यमंत्री गहलोत राजस्थान के राज्य कर्मचारियों के लिए ओपीएस बहाल करने की घोषणा पहले ही कर चुके हैं।
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