देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के प्रकोप के बीच केंद्र सरकार कोविड-19 के टीकों का उत्पादन बढ़ाने की तैयारी कर रही है।
बिबकोल यानि भारत इम्यूनोजिकल एंड बायोलॉजिकल लिमिटेड (BIBCOL) भारत सरकार की ही कंपनी है और अभी तक यह देश में पोलियो वैक्सीन का उत्पादन करती है। लेकिन देश में इस समय कोरोना वैक्सीन की सबसे ज्यादा जरूरत समझी जा रही है, ऐसे में BIBCOL को कोरोना वैक्सीन का उत्पादन करने के लिए कहा गया है।
Bharat Biotech Covid Vaccine Covaxin: हैदराबाद स्थित वैक्सीन निर्माता संस्थान ने ट्वीट कर कहा कि हमारे प्रयासों में कमी नहीं आएगी, हम अपने टीके की निरंतर आपूर्ति जारी रखेंगे।
एक विशेषज्ञ समिति ने मंगलवार को 2-18 आयुवर्ग के लिए भारत बायोटेक के कोविड-19 टीके कोवैक्सीन के दूसरे/तीसरे चरण के लिए परीक्षण की सिफारिश की।
कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच पिछले कुछ दिनों में देश की राजधानी दिल्ली में संक्रमण के दैनिक मामलों में गिरावट देखने को मिली है। हालांकि अभी भी दिल्ली में हर रोज मिलने वाले कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 15 हजार से ऊपर बनी हुई है।
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि मंगलवार को 100 और बेड उपलब्ध कराए जाएंगे।
कोरोना वैक्सीन के दाम को लेकर जारी विवाद के बीच एक राहत भरी खबर आयी है। भारत बायोटेक की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, राज्य सरकारों को COVAXIN 400 रुपए प्रति डोज़ मूल्य पर उपलब्ध होगी।
केंद्र सरकार ने पहली मई से 18 वर्ष से ऊपर की आयू वाले लोगों को वैक्सीन लगवाने की अनुमति दे दी है और इसके लिए आज यानि बुधवार शाम 4 बजे से रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया है।
फाउची ने कहा, “इसलिए, भारत में हम जो मुश्किल हालात देख रहे हैं उसके बावजूद टीकाकरण इसके खिलाफ बहुत-बहुत प्रतिकारक हो सकता है।”
कोविड-19, चिकनगुनिया, जीका, हैजा और अन्य संक्रमणों के लिए वैक्सीन विकसित करने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए जरूरी है कि वैक्सीन की लागत वसूल हो।
भारत बायोटेक ने भारतीय औषधी नियामक को पत्र लिखकर स्वदेशी रूप से विकसित कोविड-19 रोधी टीके कोवैक्सीन के उपयोग की अवधि को छह से 24 महीने बढ़ाने का आग्रह किया है।
भारत बायोटेक के बयान के मुताबिक, राज्य सरकार के लिए प्रति डोज़ 600 रुपये और निजी अस्पतालों के लिए 1,200 रुपये प्रति डोज़ दिया जाएगा।
भारत बॉयोटेक ने कहा कि तीसरे चरण के अंतरिम विश्लेषण के तहत कोवैक्सीन (Covaxin) को कोविड-19 संक्रमण के हल्के, मध्यम और गंभीर लक्षण वाले मामलों में 78 प्रतिशत प्रभावी (Covaxin efficacy) पाया गया है।
माना जा रहा है कि देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर में जो तेजी से संक्रमण फैला है उसकी वजह कोरोना के नए म्यूटेंट हैं, ऐसे में ICMR का दावा एक राहत देने वाली खबर से कम नहीं है।
जैव-प्रौद्योगिकी विभाग ने शुक्रवार को कहा कि देश में विकसित कोरोना के टीके ‘Covaxin’ के उत्पादन में तेजी लाई जाएगी। विभाग ने कहा कि सितंबर तक हर महीने Covaxin की 10 करोड़ खुराकें तैयार होने लगेंगी।
नेपाल के राष्ट्रीय दवा नियामक प्राधिकरण ने शनिवार को भारत बायोटेक के नेपाल को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दे दी है।
भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि विपक्षी दलों की सरकारें अपने राज्यों में Covaxin का टीका लगाने से इनकार कर रही हैं।
भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल के नतीजे जारी किए हैं। नतीजों में कहा गया है कि को-वैक्सीन 81 प्रतिशत सफल रही है।
आइए जानते हैं कि दुनिया के दूसरे देशों में वैक्सीन की क्या कीमत है।
मोदी ने ट्वीट किया, ‘मैं उन सभी लोगों से कोरोना वायरस का टीका लगवाने की अपील करता हूं, जो इसके पात्र हैं। आइए, हम सब मिलकर भारत को कोविड-19 से मुक्त बनाएं।’
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़