आज की बैठक ऐसे समय में हुई है जब एक दिन पहले अजित पवार ने अपनी मंत्रिस्तरीय टीम और अन्य नेताओं के साथ रविवार दोपहर को शरद पवार को फोन किया था, इससे राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई थी।
अजित पवार के लिए महाराष्ट्र विधानसभा की टेबल के सिरे कुछ ही महीने में घूम गए और नेता विपक्ष की बजाय सत्तापक्ष के नेता हो गए। सवाल ये है कि पिछले सत्र में नेता विपक्ष की कुर्सी से खड़े होकर अजित पवार ने महाराष्ट्र सरकार से जिन मुद्दों पर सवाल पूछे थे, उनका अब जवाब कैसे देंगे।
सूत्रों की मानें तो नाराज चल रहे शरद पवार को मनाने की कोशिश अजित पवार और उनके साथी मंत्री व विधायक कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि अगर शरद पवार मान जाते हैं तो केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार में सुप्रिया सुले का मंत्री बनने का रास्ता साफ हो सकता है।
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र देवेंद्र फडणवीस से वित्त और नियोजन विभाग वापस लेकर अजित पवार को सौंपा गया है। इन्हीं दो मंत्रालयों को लेकर पेंच फंसा हुआ था।
महाराष्ट्र सरकार में एनसीपी का अजित पवार का गुट शामिल होने के बाद से शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी के विधायकों के बीच बेचैनी बढ़ गई है। इससे शिंदे सरकार की छवि पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
महाराष्ट्र सरकार में शपथ लिए एनसीपी के अजित पवार गुट को एक हफ्ते से ज्यादा का समय बीत चुका है लेकिन अभी तक विभागों का आवंटन नहीं हो सका है।
इस साल दो जुलाई को राकांपा में अजित पवार के नेतृत्व में बगावत हुई और वह उपमुख्यमंत्री के रूप में शिंदे सरकार में शामिल हो गए। राकांपा के आठ अन्य विधायकों ने शिंदे सरकार में मंत्री पद की शपथ ली।
रविवार 2 जुलाई को शपथ ग्रहण कार्यक्रम में अकोला से विधायक किरण लाहमटे अजित पवार के साथ दिखे थे, लेकिन उसके बाद वह शरद पवार गुट में लौट आये थे। वहीं अब एक बार फिर से उन्होंने पलटी मारी है।
भतीजे अजित पवार के अलग हो जाने के बाद शरद पवार एकबार फिर से मैदान में उतर चुके हैं। वह येवला में शनिवार को एक रैली करके राज्यव्यापी दौरा शुरू कर रहे हैं। येवला पार्टी के बागी नेता और मंत्री छगन भुजबल का निर्वाचन क्षेत्र है।
शरद पवार ने आज एक बार फिर कहा कि एनसीपी का अध्यक्ष में ही हूं। उन्होंने दिल्ली में पार्टी कार्यकारिणी की बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये बात कही।
मैं शरद पवार की इस हिम्मत की दाद दूंगा कि स्वास्थ्य उनका साथ नहीं देता, उम्र भी उनकी तरफ़ नहीं है, वो सारे नेता जिन्हें उन्होंने बनाया था साथ छोड़ गए, तो भी वो युद्ध के मैदान में उतरने के लिए तैयार हैं.
महाराष्ट्र में शिवसेना की तरह एनसीपी भी दो धड़ों में बंट चुकी है। एक गुट अजित पवार के साथ है, तो दूसरा शरद पवार के साथ खड़ा है। हाल ही में शरद पवार ने बीजेपी पर पार्टी तोड़ने के आरोप लगाए थे, इसी पर आज बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इसकी जिम्मेदार भारतीय जनता पार्टी नहीं है।
दिल्ली में शरद पवार के आवास पर एनसीपी कार्यकारिणी की अहम बैठक हुई। इस बैठक प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे और शिंद सरकार में शामिल होनेवाले 9 विधायकों को पार्टी से निकालने से फैसला लिया गया।
अठावले ने इस बारे में कहा कि मैं आज अजित पवार से मिला। उन्होंने सही फैसला लिया है। मैं उनके साथ काफी समय से हूं। पीएम नरेंद्र मोदी सभी को एक साथ लेकर चलना चाहते हैं।
महाराष्ट्र की सियासत में सबसे बड़े ट्विस्ट के बाद अब एनसीपी में कब्जे की जंग शुरू हो गई है। चाचा शरद पवार और भतीजे अजित पवार के बीच पार्टी और पार्टी के निशान को लेकर खींचतान जारी है। इसके लिए आज शरद पवार दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक कर रहे हैं।
महाराष्ट्र में बुधवार को दिनभर चले एनसीपी के सियासी ड्रामे के बाद शरद पवार के चहेते अनिल देशमुख ने अजित पवार को करारा जवाब दिया है। अजित ने शरद के रिटायरमेंट की बात कही तो देशमुख ने कहा-टाइगर अभी जिंदा है।
महाराष्ट्र में एनसीपी में आई दरार की पटकथा पहले ही लिखी जा चुकी थी। आखिर पवार परिवार में फूट क्यों पड़ी? जानिए इनसाइड स्टोरी-
महाराष्ट्र की सियासत में एनसीपी की एक मजबूत भूमिका रही है। लेकिन अब यह पार्टी लगभग दो भागों में बंट चुकी है। बागी गुट ने अजित पवार को एनसीपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया है। वहीं पार्टी पर कब्जे की लड़ाई अब चुनाव आयोग में भी पहुंच चुकी है।
महाराष्ट्र से बड़ी खबर सामने आ रही है कि सीएम एकनाथ शिंदे नाराज हैं क्योंकि एनसीपी को सरकार में शामिल किया गया। वह राष्ट्रपति के कार्यक्रम में भी शामिल नहीं हुए हैं और मुंबई वापस लौट आए हैं।
NCP सुप्रीमो शरद पवार और उनके भतीजे अजीत पवार में पार्टी पर कब्जे के लिए चल रही जंग के बीच जूनियर पवार को बड़ा झटका लगा है।
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