अस्पताल में भर्ती पोप फ्रांसिस की सेहत में सुधार हो रहा है। पोप की गुर्दे की समस्या अब कम हो गई है और उनको सांस संबंधी परेशानी से भी राहत मिली है।
अस्पताल में भर्ती पोप फ्रांसिस की सेहत में सुधार हो रहा है। पोप की गुर्दे की समस्या अब कम हो गई है और उनकी सांस संबंधी फिजियोथेरेपी की जा रही है।
अस्पताल में भर्ती पोप फ्रांसिस की सेहत में सुधार हो रहा है। इस बीच वेटिकन में हजारों लोगों ने पोप के शीघ्र स्वस्थ होने के लिए प्रार्थना की है। डॉक्टरों ने इससे पहले बताया था कि पोप के सामने मुख्य खतरा ‘सेप्सिस’ है।
पोप फ्रांसिस का स्वास्थ्य और ज्यादा खराब होता जा रहा है। वह फेफड़े के संक्रमण से पीड़ित हैं जिसके कारण उनके गुर्दे में खराबी के शुरुआती चरण के लक्षण दिखने लगे हैं। फ्रांसिस के सामने मुख्य खतरा सेप्सिस है जो रक्त का एक गंभीर संक्रमण है।
पोप फ्रांसिस की हालत बेहद नाजुक बनी हुई है। वह पिछले एक हफ्ते से फेफड़ों में गंभीर संक्रमण की वजह से अस्पताल में भर्ती हैं। डॉक्टरों ने बताया उन्हें खून की कमी से जुड़ी समस्या भी है जिसके चलते उन्हें खून चढ़ाया गया है।
पोप फ्रांसिस को शुक्रवार को अस्पताल में भर्ती कराये जाने के बाद उनका हेल्थ अपडेट सामने आया है। वेटिकन के अनुसार उनका श्वसन तंत्र में संक्रमण होने के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पोप फ्रांसिस को शुक्रवार को रोम के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वेटिकन ने इस बात की जानकारी दी है। अस्पताल में भर्ती होने के कारण पोप के सोमवार तक के कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं।
पोप फ्रांसिस ने डोनाल्ड ट्रंप के प्रवासियों के निर्वासन पर कड़ी निंदा की और चेतावनी दी कि इसका बुरा परिणाम होगा। उन्होंने कहा कि अवैध स्थिति के आधार पर प्रवासियों को निर्वासित करना उनकी गरिमा का उल्लंघन है।
अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पोप फ्रांसिस को ‘प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम’ देकर सम्मानित किया है। इससे ठीक 8 वर्ष पहले बाइडेन खुद भी यही सम्मान हासिल कर चुके हैं।
रोम के पोप फ्रांसिस बृहस्पतिवार को जेल पहुंचे। वहां उन्होंने कैदियों से मुलाकात की।
पोप फ्रांसिस 4 साल पहले निर्धारित विदेश यात्रा को अब पूरी करने जा रहे हैं। वह 2 सितंबर से 12 दिनों के दौरे पर निकलेंगे। इस दौरान सिंगापुर, इंडोनेशिया, पापुआ न्यू गिनिया और ईस्ट तिमोर समेत 4 देशों की यात्रा करेंगे।
कांग्रेस पार्टी की केरल इकाई ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर किए गए एक विवादित पोस्ट के बाद ईसाई समुदाय से माफी मांगी है। बता दें कि पीएम मोदी और पोप फ्रांसिस की मुलाकात के बाद उनकी फोटो पर निशाना साधते हुए कांग्रेस ने पोस्ट किया था। हालांकि विवाद के बाद कांग्रेस ने पोस्ट को डिलीट भी कर दिया है।
इटली में जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान तमाम नेताओं से मुलाकात के बाद पीएम मोदी पोप फ्रांसिस से भी मिले। पोप फ्रांसिस ने प्रधानमंत्री मोदी को अपने गले लगा लिया। मोदी और फ्रांसिस की मुलाकात काफी भावुकतापूर्ण रही। इस दौरान कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भी पीएम मोदी से मुलाकात की।
पोप फ्रांसिस G7 समिट को संबोधित करेंगे। इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने पोप फ्रांसिस को आमंत्रित किया है और उनकी भागीदारी की घोषणा की है।
इटली में बच्चों की कम जन्मदर चिंता का विषय है। अब पोप फ्रांसिस ने लोगों को आगाह करते हुए उनसे अधिक बच्चे पैदा करने का आग्रह किया है। इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी भी इस समस्या को नेशनल इमरजेंसी बता चुकी है।
पोप फ्रांसिस ने अपने उपदेश में उस पत्थर का जिक्र किया जिसे ईसा मसीह की मौत के बाद उनके मकबरे से हटा दिया गया था। उन्होंने कैथोलिक समुदाय के लोगों से अपनी जिंदगियों में उन पत्थरों को हटाने का अनुरोध किया जो दिल के दरवाजों को अवरुद्ध करते हैं।
वेटिकन की तरफ से कहा गया है कि 87 वर्षीय पोप फ्रांसिस फ्लू, ब्रोंकाइटिस या सर्दी से जूझ रहे हैं। पोप गुड फ्राइडे के पारंपरिक जुलूस में शामिल नहीं हुए थे। यह पहली बार है जब पोप अपने 11 वर्ष के कार्यकाल में गुड फ्राइडे के पारंपरिक कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए हैं।
पोप एक छोटी सफेद कार में तिबर द्वीप पर जेमेली अस्पताल पहुंचे, जहां से वह फिर वापस चले गए। उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह फ्लू के लक्षणों के बाद पोप के सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए गए थे। इसके बाद पोप को बुधवार को वेटिकन में प्रार्थना सभागार में व्हीलचेयर पर लाया गया।
ईसाइयों के धर्मगुरु पोप फ्रांसिस ने एक साक्षात्कार में इस बात की मंशा जाहिर की है कि अपनी मृत्यु के बाद वे कहां दफन होना चाहेंगे। उन्होंने वेटिकन को लेकर भी अपनी मंशा जाहिर की। उन्होंने कहा कि उन्हें वेटिकन सिटी के बाहर दफन किया जाए। जानिए वे ऐसा क्यों चाहते हैं?
रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर पोप फ्रांसिस ने अब तक का चौंकाने वाला बयान दिया है। पोप फ्रांसिस ने कहा है कि इस युद्ध में लोगों की मौतों और सैनिकों की शहादत से उन्हें बहुत पीड़ा पहुंची है और उनकी यह पीड़ा कभी शांत नहीं होगी। फ्रांसिस ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के लिए पूरी तरह से हथियार उद्योग जिम्मेदार हैं।
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