रूस-यूक्रेन युद्ध में बड़ा मोड़ आ गया है। यूक्रेन द्वारा क्रीमिया को रूस से जोड़ने वाले समुद्री पुल को बम विस्फोट से उड़ा देने की खबरें आ रही हैं। हालांकि यूक्रेन ने अब तक इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है। पुल के ऊपर एक हेलीकॉप्टर को विस्फोट करते देखा जा सकता है। हमले में रूस ने 2 लोगों की मौत की पुष्टि भी की है।
क्लस्टर बमों की गिनती दुनिया के सबसे खतरनाक बमों मे है। यह जब फटते हैं तो परमाणु बमों की तर्ज पर इनमें हजारों छोटे-छोटे बम निकलते हैं, जो जहां गिरते हैं वहां तबाही का सैलाब ला देते हैं। पहले क्लस्टर बम का इस्तेमाल द्वितीय विश्वयुद्ध में जर्मनी और रूस ने किया था। अब रूस-यूक्रेन युद्ध में क्लस्टर के इस्तेमाल का खतरा है।
रूस और यूक्रेन में अब क्लस्टर बमों की जंग छिड़ने वाली है। अगर ऐसा हुआ तो भारी संख्या में आम नागरिकों की लाशें बिछ सकती हैं। दरअसल रूस को युद्ध में पिछड़ता देख अमेरिका ने कीव को क्लस्टर बमों की खेप भेज दी है। अब पुतिन ने चेताया है कि रूस के भंडार भी क्लस्टर बमों से भरे पड़े हैं।
रूस-यूक्रेन युद्ध की मौजूदा स्थिति को देखते हुए नाटो शिखर सम्मलेन के दौरान जी-7 देश यूक्रेन को दीर्घकालिक सुरक्षा की घोषणा करने वाले हैं। इससे यूक्रेन को रूस से युद्ध लड़ने के लिए नाटो और यूरोपीय देश हथियार व अन्य मदद देते रहेंगे। इससे रूस की दिक्कतें और बढ़ सकती हैं।
यूक्रेन को नाटो में शामिल होने का आमंत्रण नहीं दिया गया। इससे यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को काफी हताशा हुई है। उन्होंने नाटो का सदस्य बनाने के लिए लिथुआनिया द्वारा खुला समर्थन करने के लिए धन्यवाद किया है। साथ ही कहा-यदि यूक्रेन सदस्य बनता है तो वह नाटो को मजबूत बनाएगा।
रूस-यूक्रेन में इस वक्त बखमुद में भारी जंग चल रही है। जेलेंस्की ने कहा है कि बखमुत में यूक्रेनी सेना को भीषण संघर्ष से गुजरना पड़ रहा है। यहां सबकुछ खत्म हो चुका है। वहीं नाटो शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक यूक्रेन को नाटो सदस्यता देने पर विचार करेंगे।
तुर्की एक तरफ जहां स्वीडन को NATO में शामिल करने में आनाकानी कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ यूक्रेन का खुलकर समर्थन किया है।
अमेरिका ने एलान किया है कि वह रूस के साथ जंग में यूक्रेन को अकेला नहीं छोड़ेगा और उसकी मदद के लिए उसे क्लस्टर बम मुहैया कराएगा।
रूस और यूक्रेन की जंग जारी है। इस जंग में अमेरिका अहम रोल निभा रहा है। वह यूक्रेन को सैन्य और आर्थिक सहयोग कर रहा है। अब अमेरिका यूक्रेन को ऐसा घातक बम देने जा रहा है, जिस पर ज्यादातर देशों ने बैन लगा रखा है। जानें क्या है क्यों लगा है बैन। कितना घातक है यह बम?
रूस-यूक्रेन युद्ध को अब 500 दिन पूरे होने वाले हैं। इन 16 महीनों के युद्ध में अब तक क्या-क्या महत्वपूर्ण घटनाएं हुईं और रूस-यूक्रेन अब किस मोड़ पर खड़े हैं, यह जानना बेहद जरूरी है। क्योंकि अभी तक इस युद्ध का कोई अंत होता नहीं दिखाई दे रहा है। हाल में रूस ने यूक्रेन के लवीव पर बड़ा हमला किया है।
वैगनर के विद्रोह से उबरने के बाद रूस ने पश्चिमी यूक्रेन के लवीव शहर को धुआं-धुआं कर दिया है। यूक्रेन के अनुसार लवीव पर पिछले 16 माह में रूस की ओर से किया गया यह सबसे बड़ा हमला है। इस हमले में कम से कम 4 लोग मारे गए हैं। 60 बहुमंजिला इमारतें ढह गई हैं। मलबे में भारी संख्या में लोगों के दबे होने की आशंका है।
रूस-यूक्रेन युद्ध को चलते 16 महीने से अधिक हो चुके हैं, लेकिन इसका कोई अंत होता नहीं दिखाई दे रहा। इस युद्ध का प्रभाव वैश्विक स्तर पर महंगाई, खाद्य और ऊर्जा संकट के तौर पर पड़ा है। ऐसे वक्त में अमेरिका ने भारत पर भरोसा जताते कहा है कि वह यूक्रेन युद्ध को रोकने में अहम योगदान दे सकता है।
यूक्रेन और रूस ने विश्व के सबसे बड़े परमाणु संयंत्रों में से एक पर हमले की तैयारी करने का बुधवार को एक-दूसरे पर आरोप लगाया, लेकिन दोनों पक्षों में से किसी ने भी इस होने वाले खतरे के अपने दावे के समर्थन में साक्ष्य नहीं मुहैया किया।
रूस की राजधानी मॉस्को पर यूक्रेन की ओर से ड्रोन हमले किए गए हैं। इस बात की जानकारी रूसी वायुसेना ने दी है। साथ ही यह भी बताया कि इन हमलों को नाकाम कर दिया गया है।
रूस-यूक्रेन के बीच बखमुत और दोनेत्स्क क्षेत्र में फिर से भीषण जंग शुरू हो गई है। करीब 12 दिनों से शांत पड़े रूस ने वैगनर के विद्रोह के बाद संभलकर फिर से कीव पर बड़ा हवाई हमला किया है। यूक्रेन की राजधानी कीव पर रूस ने दर्जन भर से ज्यादा ड्रोन बम बरसाए हैं। इसमें कई लोग घायल हो गए हैं।
रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन करके यूक्रेन के हालात समेत भारत-रूस के द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर बातचीत की है। पुतिन ने यूक्रेन युद्ध को लेकर अब तक रूस की ओर से की गई कार्रवाई और वैगनर विद्रोह के बारे में भी जानकारी दी। पीएम मोदी ने बातचीत और कूटनीति से समस्या समाधान को कहा।
रूस-यूक्रेन युद्ध को 16 माह हो चुके हैं। इस दौरान सबसे बड़ा घटनाक्रम रूस की निजी सेना वैगनर ग्रुप का पुतिन से बगावत होना है। इससे यूक्रेन को एक उम्मीद जगी थी, लेकिन अचानक येवगिनी प्रिगोझिन ने पुतिन से सशस्त्र विद्रोह को वापस ले लिया। अब यूरोपीय संघ और नाटो पुतिन की ताकत का आकलन नहीं कर पा रहा।
रूस ने यूक्रेन पर फिर जोरदार हमला किया है। घातक मिसाइल से दो शहरों पर हुए इस हमले में जानमाल का नुकसान हुआ है। एस 300 मिसाइल से यह हमला मंगलवार शाम किया गया।
वैगनर चीफ के ठिकाने का पता चल गया है। बेलारूस के राष्ट्रपति ने उनके बारे में जानकारी दी है। हालांकि प्रीगोझिन का अभियोग से बचना एक दुर्लभ घटना है, क्योंकि क्रेमलिन बागियों और सरकार-विरोधी प्रदर्शनों में शामिल लोगों से बहुत सख्ती से निपटने के लिए जाना जाता है। प्रिगोझिन ने मंगलवार को कोई सार्वजनिक बयान जारी नहीं किया।
राष्ट्रपति पुतिन से बगावत के बाद अब वैगनर ग्रुप और उसके चीफ येवगिनी प्रिगोझिन का भविष्य अंधकारमय हो चुका है। भले ही क्रेमलिन ने वैगनर सेना और प्रिगोझिन पर अभियोग नहीं चलाने का फैसला किया है, लेकिन जाहिर है कि पुतिन के साथ बगावत के बाद अब प्रिगोझिन की रूस में राह आसान नहीं होगी। अब उन्हें देश से निकाला जा सकता है।
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