इस साल के अंत में राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने हैं। इन चुनावों में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच करारी टक्कर होनी तय है। कांग्रेस चुनावों से पहले अपने सभी अंदरूनी झगड़े सुलझा लेना चाहती है। इसी क्रम में अब पार्टी आलाकमान का पूरा ध्यान इसी मसले पर है।
चर्चा थी कि दौसा रैली में सचिन पायलट नई पार्टी का ऐलान भी कर सकते हैं। हालांकि, कांग्रेस नेतृत्व लगातार पायलट के ऐसे किसी भी कदम से इनकार करता रहा।
राजस्थान में सीएम गहलोत और सचिन पायलट के बीच अदावत खत्म नहीं हुई है। पायलट ने ऐलान किया था कि वो एक नई पार्टी बनाएंगे लेकिन वेणुगोपाल ने इसे अफवाह करार दिया है।
राजेश पायलट की पुण्यतिथि 11 जून को सचिन पायलट शक्ति प्रदर्शन कर सकते हैं। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि सचिन पायलट नई पार्टी बना सकते हैं या फिर कांग्रेस छोड़ सकते हैं।
अशोक गहलोत ने कहा कि वह सचिन पायलट को ढाई साल की उम्र से जानते हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में हुई सुलह बैठक के दौरान पायलट ने खुद उन्हें यह बताया था।
गहलोत सरकार के पूर्ववर्ती कार्यकाल में मंत्री रहे भरत सिंह कुंदनपुर कोटा के सांगोद निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने कहा कि जब ‘‘दुकानदार बूढ़ा हो जाता है’’, तो अगली पीढ़ी आगे की सीट ले लेती है जबकि बुजुर्ग दुकानदार नजर रखता है।
राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले सचिन पायलट पार्टी का दामन छोड़ सकते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक वे 11 जून को अपनी नई पार्टी के नाम का ऐलान कर सकते हैं।
सचिन पायलट का अल्टीमेटम 31 मई को पूरा हो चुका है। ऐसे में अब सभी की निगाहें 11 जून पर है। सियासी गलियारों में हलचल है कि सचिन पायलट 11 जून को बड़ा ऐलान कर सकते हैं।
पिछले दिनों कांग्रेस आलाकमान ने दोनों नेताओं को बुलाकर बैठक की थी और कहा गया था कि सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच सभी मसलों को हल कर लिया गया है। पार्टी दोनों नेताओं के नेतृत्व में आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेगी। लेकिन पायलट का रुख इस ओर इशारा नहीं कर रहे हैं।
राजस्थान में सचिन पायलट और सीएम अशोक गहलोत के बीच की कड़वाहट अबतक लगता है खत्म नहीं हुई है। सचिन अबतक अपनी तीन मांगों पर अडिग हैं। उन्होंने गहलोत सरकार को चेतावनी दी है और कहा है कि भ्रष्टाचार पर समझौता नहीं करूंगा।
बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि सभी मुद्दे सुलझा लिए गए हैं और दोनों नेता आगामी चुनाव में मिलकर चुनाव लड़ेंगे और पार्टी को एकबार फिर से सत्ता में लायेंगे।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी ही पार्टी के नेता सचिन पायलट पर इशारों-इशारों में निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है।
अशोक गहलोत भी सचिन पायलट पर आक्रामक होने के बजाय एकजुट होकर चुनाव लड़ने की बात कर रहे हैं, जिसे सुलह का रास्ता निकालने के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
राजस्थान में अब जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, लिहाजा कांग्रेस अलाकमान अब सचिन पायलट को साधने की जुगत में लग गई है। यही वजह है कि सचिन पायलट को कल अचानक देर शाम दिल्ली बुलाया गया है।
राजस्थान चुनाव से पहले भाजपा जाट शेखावटी के बड़े जाट नेता सुभाष महरिया, मीणा समाज के गोपाल मीणा (रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी) और पीआर मीणा (रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी) को साधने में लग चुकी है।
गहलोत और पायलट के समर्थकों ने गुरुवार को AICC सचिव और राजस्थान सह-प्रभारी अमृता धवन के दौरे से पहले अजमेर में मारपीट की।
प्रदेश कांग्रेस में इस समय कई गुटों में बंटी हुई है और सचिन पायलट का गुट तो अशोक गहलोत के खिलाफ बगावती गुट अपनाए हुए है। कांग्रेस इस मुद्दे का समाधान करती उससे पहले उसे बड़ा झटका लगा है।
संयम लोढ़ा ने कहा कि वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए भ्रष्टाचार के जिन मुद्दों का जिक्र पायलट कर रहे हैं, उन्हें मैंने पूरे 5 साल उठाया लेकिन तब वह या उनकी टीम का कोई आदमी हमारे साथ खड़ा नहीं हुआ।
सचिन पायलट के बेहद करीबी माने जाने वाले चाकसू से कांग्रेस विधायक वेद प्रकाश सोलंकी के खिलाफ बजाज नगर थाने में धोखाधड़ी के आरोप में मामला दर्ज करवाया गया है।
राजस्थान कांग्रेस में संकट गहरता जा रहा है। कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने सीएम अशोक गहलोत और पार्टी हाईकमान को 30 मई तक का अल्टीमेटम दे दिया है।
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