सचिन पायलट का एक वीडियो सोशल मीडिया पर इन दिनों खूब वायरल हो रहा है। इस वीडियो में वह राजस्थानी पगड़ी बांधते हुए नजर आ रहे हैं।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पार्टी नेता और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को जवाब देते हुए कहा कि राज्य में कांग्रेस की 2018 में सत्ता में वापसी उनके पिछले कार्यकाल में किए गए काम के कारण हुई।
सचिन पायलट ने कहा कि व्यक्तिगत आलोचना करना, गाली देना और कठोर शब्द बोलना बहुत आसान है, और 32 दांतों के पीछे बिना हड्डी वाली जीभ का संतुलन और इस्तेमाल करना आना बहुत जरूरी है।
पायलट ने कहा राजनीति पर पटखनी देना चलता है लेकिन अपमान कर देना ठीक नहीं है। पायलट ने कहा-'मेरे बारे में क्या क्या नहीं बोला..आप लोग बताओ क्या क्या नहीं बोला. इज़्ज़त दोगे तो इज़्ज़त मिलेगी।'
''आप सही कह रहे हैं..पर अब मिलना शुरू हो गया है, पिछले सोमवार को मिला था। हुआ ये था कि हमारी पार्टी के अंदर कोरोना पहले आया और फिर बड़ा 'कोरोना' आ गया।''
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने पेपर लीक के बहाने सीएम अशोक गहलोत पर अटैक किया है।
पायलट पिछले दो दिनों से पेपर लीक की घटनाओं को लेकर अशोक गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कह रहे हैं कि पेपर लीक में शामिल बड़े 'सरगनाओं' को गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
नागौर की किसान रैली में सचिन पायलट का पूरा फोकस नौजवानों और किसानों पर ही था, तो वहीं निशाना बीजेपी पर था, लेकिन इशारों इशारों में सचिन पायलट ने पेपर लीक केस के बहाने अशोक गहलोत की सरकार को भी घेरा।
माना जा रहा है कि पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट कांग्रेस आलाकमान को समझाने की कोशिश कर रहे है कि अगर पार्टी को राज्य में आगामी विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करनी है तो जल्द ही बदलाव लाना होगा।
अपने तीसरी बार राज्य का मुख्यमंत्री होने की ओर इशारा करते हुए गहलोत ने कहा, मैं जानता हूं कि आज मैं मुख्यमंत्री हूं, अगर छत्तीसों कौम मुझसे प्यार नहीं करतीं, मुझे आशीर्वाद नहीं देतीं, तो मुझे कैसे मुख्यमंत्री बनाया जाता 3-3 बार...।
सचिन पायलट और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे वापस आएंगे या नहीं? पिछले कई महीनों से यह एक बड़ा सवाल बना हुआ है। इस सवाल को लेकर नेताओं की अगली भूमिका पर राजनीतिक फुसफुसाहट बनी हुई है जो वर्तमान में केवल विधायक पदों पर काबिज हैं।
राजस्थान के दौसा से शुरू हुई कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में 'हमारा सीएम कैसा हो? सचिन पायलट जैसा हो के नारे लगे। इन नारों के लगने से सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। गौरतलब है कि सीएम पद को लेकर अशोक गहलोत और पायलट के समर्थक अक्सर नारेबाजी करते दिखाई दे चुके हैं।
भारत जोड़ो यात्रा को लेकर सचिन पायलट ने कहा कि यह एक राजनीतिक यात्रा नहीं है, यह एक देश को, समाज को जोड़ने की और समाज में जो आक्रोश और कड़वाहट पैदा हुई है, उसे निकालकर लोगों को एकसाथ जोड़ने की एक मुहिम है।
हिमाचल प्रदेश में नए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट रविवार को एक ही विमान से गए और पार्टी ने जोर देकर कहा कि उसके 'सभी नेता एकजुट' हैं।
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि अब समय नहीं है कि आपस में बयानबाजी कर पार्टी को कमजोर किया जाए। हम आपस में लड़ेंगे तो भाजपा से मुकाबला कैसे करेंगे।
मंगलवार को मीडिया के सामने केसी वेणुगोपाल ने अशोक गहलोत और सचिन पायलट का हाथ पकड़कर कहा, ‘‘यह राजस्थान कांग्रेस है।’’ कांग्रेस नेताओं ने कहा कि यहां पार्टी में सभी एकजुट हैं।
इस बैठक में अशोक गहलोत ने कहा कि उसके मायने ये भी थे कि हम लोगों के साथ हर कार्यकर्ता एसेट है। सब मिलकर यात्रा को भी कामयाब बनाएंगे। अगला चुनाव मुख्य मुद्दा है, वह हम जीतकर बताएंगे।
पायलट को गद्दार बताने संबंधी गहलोत के बयान पर राहुल ने यहां संवाददाताओं से कहा, "मैं इसमें नहीं जाना नहीं चाहता कि किसने क्या कहा। दोनों नेता (गहलोत और पायलट) कांग्रेस की संपत्ति हैं। मैं आपको इसकी गारंटी दे सकता हूं कि इसका (बयानबाजी का) भारत जोड़ो यात्रा पर कोई असर नहीं पड़ेगा।"
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा है कि राजस्थान कांग्रेस में चल रहे राजनीतिक घमासान के बारे में आलाकमान विचार कर रहा है। उन्होंने कहा कि पार्टी सर्वोपरि है। पार्टी के हित में कड़े निर्णय लेना पड़े, तो वह भी लिए जा सकते हैं। जयराम रमेश यह बात इंदौर में कही।
राजस्थान में भारत जोड़ा यात्रा जल्द ही प्रवेश करेगी। इस यात्रा के राजस्थान में प्रवेश करने से पहले कांग्रेस आलाकमान बड़ी टेंशन में है। टेंशन इस बात की है कि सूबे के सीएम अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच सामंजस्य का अभाव है।
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