मंध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह ने आज अपनी कैबिनेट का विस्तार किया है। आज उनके मंत्रिमंडल में तीन नए चेहरों ने शपथ ली है। मंत्री बनने के बाद राजेंद्र शुक्ला और गौरीशंकर बिसेन ने इंडिया टीवी से खास बीतचीत की है।
मप्र सरकार का पचमढ़ी में दो दिनी चिंतन शिविर संपन्न हुआ। इस दौरान शिवराज कैबिनेट में कई अहम फैसले लिए गए। इनमें एक ऐसा खास विषय भी स्कूली बच्चों को पढ़ाने के बारे में निर्णय लिया गया।
कैबिनेट बैठक में पंचायत मंत्री महेश सिंह सिसोदिया ने पंचायत चुनाव कराए जाने का अध्यादेश वापस लेने का प्रस्ताव पेश किया। इस पर कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब राज्यपाल को भेजे गए अध्यादेश को सरकार वापस लेगी।
मध्य प्रदेश में सरकारी नौकरी के लिए अलग से परीक्षा नहीं होगी, बल्कि नेशनल रिक्रुटमेंट एजेंसी (एनआरए) द्वारा आयोजित परीक्षा में मिले अंकों के आधार पर नौकरी दी जाएगी। इस निर्णय का ऐलान राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को किया।
उन्होंने कहा कि देश की जनता बहुत अच्छे से जानती है कि कांग्रेस वही पार्टी है जिसने कभी प्रभु श्रीराम के अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह लगाये।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "मैं अस्पताल में अपनी चाय खुद बना रहा हूं और अपने कपड़े भी खुद धो रहा हूं। कोरोना के कपड़े किसी और से नहीं धुलवाने चाहिए।"
उन्होंने कहा कि कंटेनमेंट क्षेत्र के बाहर आठ जून से धार्मिक स्थल खोल दिए जाएंगे। होटल व अन्य सेवाए भी शुरू कर दी जाएंगी।
मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने संबल योजना शुरू की है, इस योजना के तहत गरीबों को शिशु के जन्म से पहले 4 हजार और जन्म देने के बाद 12 हजार रुपये दिए जाएंगे।
मध्य प्रदेश की सियासत में आज नया अध्याय लिखा गया। सूबे के सीएम कमलनाथ ने आज फ्लोर टेस्ट से पहले ही इस्तीफा दे दिया। शनिवार शाम भाजपा के दिग्गज नेता और सूबे के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने उनसे शिष्टाचार भेंट की।
मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद से कमलनाथ के त्यागपत्र की घोषणा के बाद प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान ने प्रतिक्रिया दी।
मध्य प्रदेश के सियासी संकट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सूबे में सियासी हलचाल जारी है। मध्य प्रदेश के स्पीकर एनपी प्रजापति ने 16 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए हैं।
मध्यप्रदेश विधानसभा में कुल 230 सीटें हैं। इनमें से दो विधायकों (एक कांग्रेस एवं एक भाजपा) का निधन हो जाने से वर्तमान में दो सीटें खाली हैं और विधानसभा अध्यक्ष द्वारा कांग्रेस के छह विधायकों के इस्तीफे स्वीकार किये गये हैं। इस प्रकार अब सदन में कुल 222 सदस्य रह गये हैं।
न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की पीठ ने कहा कि राज्य में राजनीतिक अनिश्चितता के कारण फ्लोर टेस्ट करवाना जरूरी हो गया है। पीठ ने कर्नाटक डीजीपी को भी 16 बागी विधायकों को सुरक्षा देने के आदेश दिए, जो हो सकता है कि फ्लोर टेस्ट में भाग लें।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर बागी विधायक विधानसभा में आना चाहते हैं तो कर्नाटक के DGP और मध्य प्रदेश के DGP दोनों उन्हें सुरक्षा मुहैया कराएं। फ्लोर टेस्ट की वीडियो रिकार्डिंग की जाए।
भाजपा के सदस्य बनने के बाद पहली बार भोपाल पहुंचे ज्योतिरादित्य सिंधिया का दिन बेहद व्यस्त रहा। रात को 'महाराज' सिंधिया पूर्व सीएम शिवराज के निवास स्थान पर पहुंचे, जहां शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना ने खुद उन्हें भोजन करवाया।
शिवराज ने भाजपा के प्रदेश दफ्तर में आयोजित समारोह में कहा, "रावण की लंका को पूरी तरह जलाने के लिए विभीषण की तो जरूरत होती है। मेरे भाई और अब तो सिंधिया जी हमारे साथ हैं। मिलकर लड़ेंगे भी और इनको धाराशायी भी करेंगे।"
सिंधिया समर्थक विधायक गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि बहुत बड़ा भ्रम फैलाया जा रहा है कि कांग्रेस के जो लोग आए हुए हैं कि वो भोपाल के संपर्क में है। हम किसी के संपर्क में नहीं हैं। हम 22 विधायक हैं और 2 विधायक हमारे संपर्क में हैं।
कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफे देने के बाद कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस नीत मध्यप्रदेश सरकार द्वारा विधानसभा में अपना बहुमत साबित करने का निर्णय लिए जाने के बाद भाजपा अपने विधायकों को मंगलवार देर रात तक विमान से मध्य प्रदेश से बाहर भेज रही थी।
मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार पर गहराए संकट के बीच कांग्रेस विधायकों की भोपाल में मुख्यमंत्री आवास पर मंगलवार को बैठक हुई। इस बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री कमलनाथ ने की। बताया जा रहा है कि बैठक में 88 से 90 विधायक मौजूद थे हालांकि कांग्रेस नेता लक्ष्मण सिंह ने बताया कि 94 विधायक पार्टी के साथ हैं।
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