शीतकालीन सत्र में सरकार करीब 25 नए और 14 पुराने विधेयक पेश कर सकती है। तीन तलाक़ के अलावा जीएसटी पर अध्यादेश की जगह विधेयक, पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिलाने वाला विधेयक, नागरिकता संशोधन विधेयक 2016, मोटरवाहन संशोधन विधेयक 2016 और ट्रांसजेंड
मसौदे में तीन तलाक या तलाक-ए-बिद्दत संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध करार देते हुए इसके दोषी को तीन साल कैद की सजा का प्रावधान किया गया है। साथ ही तीन तलाक देने पर पत्नी और बच्चों के भरण-पोषण का खर्च भी देना होगा। गत 22 अगस्त को उच्चतम न्यायालय ने तीन तला
ट्रिपल तलाक पर प्रस्तावित कानून का कड़ा विरोध करते हुए AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को कहा कि...
केंद्र की मोदी सरकार तीन तलाक को खत्म करने के लिए संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में काननू लाने जा रही है। IndiaTV को सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस विधेयक का नाम The Muslim Women Protection of Rights in Marriage Act से होगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्र की मोदी सरकार तीन तलाक को खत्म करने के लिए संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में काननू लाने जा रही है...
सुप्रीम कोर्ट की ओर से एक बार में तीन तलाक को ‘गैरकानूनी और असंवैधानिक’ करार दिए जाने के बाद अब सरकार मुस्लिम समाज की इस प्रथा को पूरी तरह से खत्म...
तकरीबन तीन महीने पहले देश की सबसे बड़ी अदालत के फैसले के बाद ट्रिपल तलाक असंवैधानिक हैलेकिन इसके बावजूद ट्रिपल तलाक का एक मामला फिर सामने आया है.
सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को गैर कानूनी करार दिया। अदालत के फ़ैसले के बाद ट्रिपल तलाक असंवैधानिक हो गया, बावजूद इसके ये थमने का नाम नहीं ले रहा
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने एक बड़ा फ़ैसला करते हुए तय किया है कि अब निकाह के समय ही वर और वधू पक्ष के बीच यह सहमति बन जाएगी कि रिश्ते को ख़त्म करने के लिए तलाक-ए-बिद्दत का सहारा नहीं लिया जाएगा।
तलाक़ और मुस्लिम सरियत का मामला एक बार फिर गरमा गया है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा है कि तीन तलाक़ वैध है हालंकि इस्लाम में इसे नापसंद माना जाता है।
एक साथ लगातार तीन बार तलाक बोलकर पत्नी को छोड़ने वाली प्रथा को सुप्रीम कोर्ट द्वारा अमान्य, अवैध और असंवैधानिक बताए जाने के अगले दिन ही उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक व्यक्ति ने अपनी गर्भवती पत्नी को तलाक, तलाक, तलाक बोलकर अपने जीवन से बाहर कर दिया
मुस्लिम समाज में एक बार में तीन तलाक की प्रथा को सुप्रीम कोर्ट द्वारा असंवैधानिक करार दिए जाने की पृष्ठभूमि में दिल्ली स्थित जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने आज ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर निशाना साधते हुए कहा कि बोर्ड के दोहरे र
सुप्रीम कोर्ट अपने आदेश की अवहेलना करते हुए तीन तलाक देने वालों के खिलाफ सजा भी तय करे, तभी इस पर रोक लगेगी और पीड़ितों को न्याय मिलेगा।
ट्रिपल तलाक का मुद्दा पूरे देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। अब मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस पर अपना बड़ा फैसला सुना दिया है। इसके बाद से आम नागरिकों के अलावा बॉलीवुड हस्तियां भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर कर रही हैं।
मुस्लिम समाज में एक बार में तीन तलाक कहने की प्रथा को सुप्रीम कोर्ट द्वारा कल असंवैधानिक करार दिए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो ट्वीट किया वो सोशल मीडिया में छा गया
अब सबकी निगाहें मोदी सरकार पर होंगी, क्योंकि गेंद फिर सरकार के पाले में है। सरकार ने अदालत में कहा था कि इस्लाम में तीन तलाक जरूरी धार्मिक रिवाज नहीं है, जिसका वह विरोध करती है। चूंकि संविधान पुरुषों और महिलाओं को बराबरी का अधिकार देता है, इसलिए अदाल
ट्रिपल तलाक का मुद्दा चर्चा का विषय बना हुआ था। सभी मुस्लिम महिलाओं की उम्मीदें मंगलवार को होने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी हुई थी, जिसके बाद सभी ने राहत की सांस ली। हाल ही में दिग्गज अदाकारा शबाना आजमी ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा...
ट्रिपल तलाक पर चल रहे मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अपना फैसला सुना दिया है। इसे लेकर पूरे देश में काफी मची हुई थी। अब बॉलीवुड की मशहूर हस्तियों ने भी मंगलवार को ट्रिपल तलाक पर सुप्रीन कोर्ट के फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए...
दिल्ली की ऐतिहासिक जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने आज कहा कि एक बार में तीन तलाक का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट पहुंचा क्योंकि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड मुसलमान महिलाओं की समस्याओं का समाधान करने में विफल रहा।
अभिनेत्री शबाना आजमी ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक ही बार में तीन तलाक पर रोक के फैसले का स्वागत किया है और कहा है कि यह फैसला देश की बहादुर मुस्लिम महिलाओं की जीत है।
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