सरकार ने विपणन वर्ष 2018-19 में किसानों से अब तक 3.40 करोड़ टन गेहूं खरीदा है, जो कि उसके द्वारा निर्धारित लक्ष्य से 6.25 प्रतिशत अधिक है। उत्तर प्रदेश में खरीद बढ़ने से इसमें और तेजी आने की उम्मीद है।
किसानों से गेहूं की भारी खरीद के बाद अब सरकार ने गेहूं पर आयात शुल्क बढ़ाने का फैसला किया जिससे विदेशी गेहूं महंगा हो जाएगा और देश में पैदा हुए गेहूं की मांग बढ़ सकती है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) की तरफ से जारी की गई अधिसूचना के मुताबिक गेहूं पर आयात शुल्क बढ़ाकर 30 प्रतिशत किया जा रहा है, पहले आयात शुल्क 20 प्रतिशत था
देश में इस साल जितना गेहूं पैदा हुआ है उसका एक तिहाई से ज्यादा सरकार ने खरीद लिया है। भारतीय खाद्य निगम (FCI) की तरफ से जारी आंकड़ों से यह जानकारी निकलकर सामने आयी है। सरकार ने इस साल (रबी मार्केटिंग सीजन 2018-19) देशभर में किसानों से जितनी गेहूं खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया हुआ था, 21 मई तक उस लक्ष्य से ज्यादा गेहूं खरीदा जा चुका है। देश के 3 प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में लक्ष्य से ज्यादा खरीद हुई है
देश में इस साल भी गेहूं और चावल उत्पादन का रिकॉर्ड टूटा है, बुधवार को केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने फसल वर्ष 2017-18 के लिए तीसरा अग्रिम अनुमान जारी किया है जिसके मुताबिक इस साल देश में रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन हुआ है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, चालू विपणन वर्ष में अभी तक गेहूं की खरीद 16 प्रतिशत बढ़कर तीन करोड़ 18.7 लाख टन हो गई है और इसके सरकार द्वारा तय 3.2 करोड़ टन के खरीद लक्ष्य को पार करने की संभावना है।
सरकार ने इस साल किसानों से गेहूं की खरीद का जो लक्ष्य निर्धारित किया हुआ है वह 95.32 प्रतिशत पूरा हो चुका है। भारतीय खाद्य निगम के मुताबिक 9 मई तक देशभर में कुल 3.05 करोड़ टन गेहूं की खरीद हो चुकी है और कई राज्यों में किसानों से अब भी गेहूं खरीदा जा रहा है। किसानों से यह खरीद 1735 रुपए प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य पर हो रही है
सरकार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्गों के विद्यार्थियों के छात्रावासों को बीपीएल दर पर प्रति छात्र 15 किलो गेहूं अथवा चावल प्रति माह उपलब्ध कराएगी। यह योजना ऐसे छात्रावासों में भी लागू की जाएगी जहां कम से कम दो-तिहाई छात्र इन वर्गो के हों।
18 अप्रैल तक सरकारी एजेंसियों ने देशभर से कुल 107.48 लाख टन गेहूं की खरीद कर ली है। इस साल पूरे सीजन के दौरान सरकार ने 320 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया हुआ है। यानि 18 अप्रैल तक सराकरी एजेंसियों ने गेहूं खरीद का लक्ष्य एक तिहाई पूरा कर लिया है
देश में इस साल रिकार्ड 10 करोड़ टन गेहूं की पैदावार होने की संभावना है, जबकि पिछले साल के मुकाबले गेहूं का रकबा इस साल 4.27 फीसदी कम है।
गेहूं के कम उत्पादन की वजह से उपभोक्तों को आने वाले दिनों में गेहूं से बनने वाले उत्पादों के लिए ज्यादा कीमत चुकानी पड़ सकती है। गेहूं से प्रमुख तौर पर ब्रेड, बिस्कुट, आटा, मैदा और सूजी जैसे उत्पाद बनते हैं
देश में गेहूं उत्पादन फसल वर्ष 2017-18 में 2.31 प्रतिशत घटकर 9.61 करोड़ टन रह सकता है।
चालू रबी सीजन में जहां गेहूं और तिलहनों की बुआई में देश के किसानों ने थोड़ी उदासीनता दिखाई है वहीं दलहन की खेती के प्रति उनकी दिलचस्पी काफी रही है।
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि सरकार गेहूं पर आयात शुल्क को और बढ़ाने पर भी विचार कर रही है।
चालू रबी सत्र में अभी तक गेहूं खेती का रकबा 110.66 लाख हेक्टेयर हो गया जो पूर्व वर्ष की इसी अवधि के रकबे से 12.41 प्रतिशत कम है।
फूड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया के आंकड़ों के मुताबिक पहली नवंबर तक केंद्रीय पूल में कुल 238.50 लाख टन गेहूं का स्टॉक दर्ज किया गया है,
आयात शुल्क से गेहूं और दलहन की कीमतों में इजाफा हो सकता है। आटा, सूजी, मैदा और सभी दालों की कीमतों में बढ़ोतरी होने की आशंका बढ़ी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने आज 2017-18 के लिए पूरी रबी की फसल के लिए MSP की मंजूरी दी।
कृषि मंत्रालय ने कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की सिफारिशों के आधार पर रबी फसलों यानि गेहूं, जौ, चना, मसूर, सरसों और सूरजमुखी के लिए एमएसपी का प्रस्ताव किया है।
देश के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने पाया है कि पंजाब में 2011 से 2016 के बीच पांच साल में 700 करोड़ रुपये मूल्य का भारतीय खाद्य निगम (FCI) का गेहूं खराब हुआ।
सरकार ने आज लोकसभा में कहा कि खाद्य सुरक्षा कानून के अनुरूप देश की 81 करोड़ जनता को दो रुपये प्रति किलोग्राम की दर से गेहूं और तीन रुपये प्रति किलोग्राम चावल अगले साल जून तक दिया जाता रहेगा।
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