मध्य प्रदेश के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा एक बार फिर अपने विवादित बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। ब्राह्मण बेटियों पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर देश भर में बवाल खड़ा कर चुके संतोष वर्मा ने अब एक और भड़काऊ बयान दिया है। ताज़ा बयान में संतोष वर्मा ने सरकार और विरोध करने वाले संगठनों को चुनौती देते हुए कहा, "कितने संतोष वर्मा को तुम मारोगे, कितने को जलाओगे, आपके पास इतनी ताकत नहीं कि हर संतोष वर्मा को जला सको।" उन्होंने आगे कहा, "अब हर घर से एक संतोष वर्मा निकलेगा।"
पुराना विवाद क्या है?
यह पूरा विवाद 23 नवंबर को शुरू हुआ था, जब भोपाल के अंबेडकर मैदान में अजाक्स के प्रांतीय अधिवेशन के दौरान संतोष वर्मा को प्रांताध्यक्ष चुना गया था। आरक्षण को लेकर चर्चा करते हुए उन्होंने विवादास्पद टिप्पणी की थी, "एक परिवार में एक व्यक्ति को आरक्षण तब तक देना चाहिए, जब तक मेरे बेटे को कोई ब्राह्मण अपनी बेटी दान नहीं देता या उससे संबंध नहीं बनता।" उनके इस बयान के बाद पूरे प्रदेश और यहां तक कि बिहार विधानसभा तक में विरोध प्रदर्शन हुए।सरकार दबाव में आई और 26 नवंबर को वर्मा को नोटिस जारी किया गया, जिसमें कहा गया था, "आपके द्वारा ऐसी टिप्पणी करना प्रथम दृष्टया सामाजिक समरसता को ठेस पहुंचाने एवं आपसी वैमनस्यता उत्पन्न करने वाला प्रयास प्रतीत होता है... जो अखिल भारतीय सेवाएं (अनुशासन तथा अपील) नियम, 1969 के अंतर्गत अनुशासनात्मक कार्यवाही के तहत आता है इसका उत्तर 7 दिन के अंदर दें।"
"कार्रवाई नहीं हुई तो रण होगा"
नोटिस दिए जाने के 14 दिन बीत जाने के बाद भी मोहन यादव सरकार द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। इसी सरकारी खामोशी का नतीजा दूसरा विवादास्पद बयान माना जा रहा है। दूसरे बयान के सामने आते ही एक बार फिर ब्राह्मण समाज आक्रोशित दिखाई दिया। अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज के प्रदेश अध्यक्ष पुष्पेंद्र मिश्रा ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा, "अगर जल्द से जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो रण होगा, वह भी सड़क पर होगा।"
मध्य प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीसी शर्मा ने संतोष वर्मा पर तुरंत कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा, "किसी को अधिकार नहीं कि वह बहन-बेटियों पर इस तरह टिप्पणी करे। सरकार में कोई एक्शन नहीं लिया है, इसलिए हौसले बुलंद हो गए हैं। संतोष वर्मा पर तुरंत एक्शन होना चाहिए, सस्पेंशन हो और FIR दर्ज हो, साथ ही उनका IAS अवार्ड छीना जाए।"
ब्राह्मण महिला संगठनों का आक्रोश
ब्राह्मण एकता अस्मिता सहयोग एवं संस्कार मंच महिला विंग ने प्रेस कांफ्रेंस कर सख्त विरोध जताया। संगठन ने मांग की कि ऐसे वरिष्ठ अधिकारी को तत्काल निलंबित और बर्खास्त किया जाए एवं उनका IAS अवार्ड समाप्त किया जाए। संगठन की सदस्यों ने चेतावनी दी, "अगर हमारी मांगे पूरी नहीं होती तो हम आंदोलनकारी बन जाएंगे और सड़क पर उतरेंगे, सरकार को झुकना पड़ेगा।" उन्होंने कहा कि ऐसे समाज में जहा बेटियों को देवी के रूप में पूजा जाता है, अधिकारी का यह वार्तालाप अशोभनीय है।
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