इन एनसीडी को बीएसई पर थोक बांड बाजार श्रेणी में सूचीबद्ध कराया जाएगा।
एनसीडी ऋण से जुड़े बांड होते हैं, जिन्हें शेयरों में नहीं बदला जा सकता। इनपर परिवर्तनीय डिबेंचरों की तुलना में ब्याज दर ऊंची होती है।
रकम का इस्तेमाल सप्लाई चेन में सुधार और कारोबार से जुड़ी जरूरतों के लिए होगा
बाजार की खस्ताहाल स्थिति के कारण, पिछले सप्ताह टाटा मोटर्स ने 1,000 करोड़ रुपए जुटाने के लिए एक एनसीडी निर्गम को वापस लेने का फैसला किया था।
इश्यू का अधिकांश हिस्सा SBI, HDFC Bank, ICICI Bank और एक्सिस बैंक ने सब्सक्राइब किया
आरआईएल ने शेयर बाजार को बताया कि वह 16 अप्रैल को 9,000 करोड़ रुपए के गैर-परिवर्तनीय ऋणपत्र (एनसीडी) निर्गम ला रही है और इस प्रक्रिया से मिली धनराशि का इस्तेमाल मौजूद रुपया में लिए गए ऋण की अदायगी में किया जाएगा।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुताबिक पूरी रकम कई चरणों में जुटाई जाएगी
इस समूचे समूह पर अक्टूबर 2018 की स्थिति के अनुसार कुल 90,000 करोड़ रुपए का बकाया है।
हाउसिंग फाइनेंस कंपनी DHFL 12,000 करोड़ रुपए जुटाने के लिए कल बांड जारी करेगी। इससे कंपनी को ऋण कारोबार बढ़ाने में मदद मिलेगी। कल खुल रहे बांड निर्गम के तहत कंपनी 3,000 करोड़ रुपए के 12 करोड़ तक की संख्या में गारंटीशुदा, रीडिमेबल, गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (NCD) जारी करेगी।
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) नॉन कन्वर्टिबल डिबेंचर (NCD) के जरिए 25,000 करोड़ रुपए जुटाने की योजना बना रही है।
भारतीय कंपनियों ने बीते वित्त वर्ष 2016-17 के पहले 11 महीनों में गैर परिवर्तनीय डिबेंचर (NCD) जारी कर 29,000 करोड़ रुपए जुटाए हैं।
मार्कसंस फार्मा को एलर्जी के इलाज में काम आने वाली दवा लोराटेडाइन लिक्विड फिल्ड कैप्सूल्स की अमेरिकी बाजार में बिक्री के लिए यूएसएफडीए की मंजूरी मिल गई है।
पांच कंपनियों ने चालू वित्त वर्ष में खुदरा आधार पर गैर परिवर्तनीय डिबेंचर (NCD) जारी कर 2,700 करोड़ रुपए से अधिक की राशि जुटाई है।
गिरवी रखकर ऋण देने वाली कंपनी DHFL अपने पहले गैर परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) निर्गम के जरिये 4,000 करोड़ रुपए जुटाने की योजना बना रही है।
पिरामल एंटरप्राइजेज ने कहा कि वह निजी नियोजन के आधार पर गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (NCD) जारी कर 1,000 करोड़ रुपए जुटाने पर विचार कर रही है।
चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीनों में कुल चार कंपनियों ने गैर परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) जारी कर 1,900 करोड़ रुपए जुटाए हैं।
भारतीय कंपनियों ने चालू वित्त वर्ष के दौरान नॉन-कन्वर्टीबल डिबेंचर्स (NCD) जारी कर बाजार से 58,000 करोड़ से अधिक की राशि जुटाई है।
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