शुरुआती दौर में गंगा किनारे के इलाकों से साबिर भी भाग निकला, जबकि पुलिस को लगातार उसके उन इलाकों में होने की जानकारी मिल रही थी।
इस हत्याकांड को खुद असद ही लीड क़र रहा था और उसी ने सभी शूटर्स से कहा था की कोई भी शूटर शूटआउट के बाद एक दूसरे से बात नहीं करेगा। हत्याकांड के बाद कौन कहां भागेगा? कौन मदद करेगा? यह सब कुछ पहले से तय क़र लिया गया था।
देवरिया जेल में बंद होने के दौरान ही उसने उमेश पाल की हत्या की साजिश रच ली थी। जानकारी के अनुसार वह देवरिया जेल में भी उमेश पाल की हत्या कराने की कोशिश में था।
अपराध की गंभीरता को देखते हुए फहद को कोर्ट ने जमानत देने से इंकार कर दिया है। दिसंबर 2021 में अतीक के बेटे अली और फहद समेत अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। फहद मौजूदा समय में नैनी सेंट्रल जेल में बंद है।
उमेश पाल हत्याकांड से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। इस हत्याकांड के सभी पांचों आरोपियों के खिलाफ इनाम की राशि को बढ़ा दिया गया है। पहले इनाम की राशि 2.5 लाख रुपए ही थी।
ये वायरल ऑडियो 12 मई 2016 का है। उस वक्त अतीक अहमद जेल में नहीं था और विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा था। इसके बाद अशरफ के पिता मकबूल अहमद ने इस मामले में 1 साल बाद 26 मई 2017 को कर्नलगंज थाने में FIR दर्ज कराई थी, जिसमें अतीक अहमद के साथ ही कुद्दूस, राजेश कुमार सिंह समेत 5 अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।
माफिया अतीक की पत्नी की याचिका पर सीजेएम कोर्ट इस मामले की सुनवाई कर रही है। बता दें कि उमेश पाल हत्याकांड के बाद से अतीक के दो नाबालिग बेटे लापता बताए जा रहे थे।
पिछले तीन दिनों में माफिया अतीक अहमद के बेटे अली अहमद से जेल परिसर में किसी की मुलाकात नहीं हुई है। जेल सूत्रों ने कहा कि अली अपने बैरकों में शांत रहता है और जेल कर्मचारियों के साथ मुश्किल से ही बातचीत करता है।
शूटर साबिर के भाई जाकिर का शव कौशांबी जिले के कोखराज थाना क्षेत्र में मिला है। उसके शव पर चोट के निशान भी मिले हैं। बता दें कि शूटर साबिर उमेश पाल हत्याकांड में नाम सामने आने के बाद से फरार चल रहा है।
असद और शाइस्ता के साथ ही उमेश पाल हत्याकांड के शूटर्स साबिर और गुलाम की तस्वीरें भी सामने आई हैं। साबिर ने उमेश पाल पर हमले के दौरान राइफल से फायरिंग की थी जबकि गुलाम पास के दुकान में था
अतीक अहमद को जून 2019 में साबरमती जेल शिफ्ट किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने 22 अप्रैल 2019 को आदेश दिया था कि अतीक को देवरिया जेल से गुजरात में उच्च सुरक्षा वाली जेल में शिफ्ट किया जाए।
आरोपों के मुताबिक अशरफ का साला सद्दाम अपने साथी लल्ला गद्दी और दूसरे साथियों के साथ बिना पर्ची के जेल में अशरफ से मिलता था। एक या दो आईडी पर छह से सात लोग अशरफ से मिलते थे।
एमबीएच के अधीक्षक इरफान अहमद खान ने कहा, उसे पहले छात्रावास से निकाल दिया गया था और उसके कमरे को बंद कर दिया गया था, लेकिन कुछ दिनों के बाद उसने ताला तोड़कर कमरे में फिर से कब्जा कर लिया।
शाइस्ता परवीन का कहना है कि उसके दोनों नाबालिग बेटे बाल संरक्षण गृह में नहीं हैं। शाइस्ता परवीन ने प्रयागराज की सीजेएम कोर्ट को दी गई अर्ज़ी में कहा है कि उसके वकील और परिचय बाल गृह गए थे लेकिन वहां दोनो बच्चे नहीं मिले।
प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड में बड़ी कार्रवाई हुई है। जिस मुस्लिम हॉस्टल में ये साजिश रची गई थी, उसे सीज किया गया है। इस हत्याकांड की साजिश मुस्लिम हॉस्टल के कमरा नंबर 36 में बनी थी।
विजय उर्फ उस्मान चौधरी ही वो शूटर था जिसने सबसे पहले उमेश पाल और उनके गनर संदीप निषाद पर गोली चलाई थी। जब उमेश पाल पर हमला हुआ था तो उस्मान ने सबसे गोली चलाई थी, वह सीसीटीवी में नजर आया था। आज सुबह प्रयागराज के कौंधियारा के लालपुर इलाके में पुलिस और उस्मान के बीच एनकाउंटर हुआ।
शूटआऊट को कुल 10 दिन बीत चुके हैं लेकिन अबतक पुलिस बदमाशों को पकड़ नहीं पाई है। इस बाबत पुलिस द्वारा लगातार छापेमारी की जा रही है। साथ ही इस घटना में शामिल बदमाशों के घरों पर योगी सरकार का बुल्डोजर लगातार चलाया जा रहा है।
उमेश पाल की हत्या के आरोपियों को पकड़ने के लिए यूपी पुलिस ने इनाम की राशि बढ़ा दी है। सूचना देने पर प्रति अभियुक्त 2,50,000/- रुपए पुरस्कार की घोषणा की गई है। ये घोषणा यूपी के डीजीपी की तरफ से की गई है।
इस हत्याकांड को एक सप्ताह से ज्यादा का वक्त हो चुका है लेकिन अब भी बदमाश पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं। लेकिन पुलिस सूत्रों की माने तो मुख्तार अंसारी गैंग के लोगों द्वारा असरद और उनके साथी शूटर्स को भागने में मदद की गई है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बसपा विधायक राजू पाल और दो सुरक्षाकर्मियों की दिनदहाड़े हत्या के आरोपी फरहान की जमानत रद्द कर दी है.
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