Monday, April 29, 2024
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'जम्मू-कश्मीर जहन्नुम में जाए, 1962 में चीनी कब्जे पर भी सरकार चुप थी', क्यों भड़के फारूक अब्दुल्ला

मंगलवार को वरिष्ठ नेता और राजनीतिक पार्टी नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला इतने नाराज दिखे कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर के जहन्नुम में जाने तक की बात कह दी। आइए जानते हैं कि उन्होंने ऐसा क्यों कहा।

Subhash Kumar Written By: Subhash Kumar @ImSubhashojha
Published on: December 12, 2023 22:07 IST
फारूक अब्दुल्ला।- India TV Hindi
Image Source : PTI फारूक अब्दुल्ला।

संसद के शीतकालीन सत्र में इस वक्त जम्मू-कश्मीर के वर्तमान हालात और ऐतिहासिक गलतियों को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस जारी है। केंद्र सरकार ने हाल ही में संसद जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, 2023 भी पेश किया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने भी बड़ा फैसला देते हुए जम्मू-कश्मीर से 370 हटाए जाने को वैध बताया है। हालांकि, इस बीच मंगलवार को वरिष्ठ नेता फारूक अब्दुल्ला इतने नाराज दिखे कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर के जहन्नुम में जाने तक की बात कह दी। इसके अलावा एक अन्य कार्यक्रम में फारूक ने 1962 में लद्दाख के क्षेत्र पर चीनी कब्जे पर भी बयान दिया है। 

जम्मू-कश्मीर जहन्नुम में जाए- फारूक अब्दुल्ला 

जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक पार्टी नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला मंगलवार को संसद के बाहर काफी गुस्से में दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को लोग जहन्नुम में ही ले गए हैं। उन्होंने पूछा कि ऐसे कैसे लोगों के दिल जीते जाएंगे, जब ऐसी चीजें की जाएंगी जिससे वहां के लोग आपसे और दूर चले जाए। 

1962 के चीनी कब्जे पर भी बोले

एक अन्य कार्यक्रम में बोलते हुए फारूक अब्दुल्ला 1962 में चीन द्वारा लद्दाख के क्षेत्रों पर कब्जे का भी मु्द्दा उठाया। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान भी उस वक्त चुप रहा जब चीन ने कब्जा कर लिया। क्योंकि हम उस वक्त चीन के बहुत करीब थे। पंचशील भी चल रहा था। उन्होंने कहा कि आज अमेरिका बाइडेन नहीं चला रहे हैं। कोई भी राष्ट्रपति अमेरिका में नहीं जीत सकता जब तक यहूदी उसके साथ नहीं होंगे। यहां देखें वीडियो

 

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