योगी आदित्यनाथ जनसंख्या के आधार पर देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। योगी आदित्यनाथ का असली नाम अजय सिंह बिष्ट है। योगी का जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखण्ड के पौड़ी गढ़वाल जिले स्थित यमकेश्वर तहसील के पंचुर गाँव के एक गढ़वाली राजपूत परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम आनन्द सिंह बिष्ट है जो एक फॉरेस्ट रेंजर थे तथा इनकी मां का नाम सावित्री देवी है। इन्होंने 1977 में टिहरी के गजा के स्थानीय स्कूल में पढ़ाई शुरू की व 1987 में यहाँ से दसवीं की परीक्षा पास की। सन् 1989 में ऋषिकेश के श्री भरत मन्दिर इण्टर कॉलेज से इन्होंने इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की। 1990 में ग्रेजुएशन की पढ़ाई करते हुए ये अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े। 1992 में श्रीनगर के हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से इन्होंने गणित में बीएससी की परीक्षा पास की। योगी आदित्यनाथ ने 19 मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश के 21वें मुख्यमन्त्री के रूप में शपथ ली। वे 1998 से 2017 तक भारतीय जनता पार्टी की ओर से गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद रहे। सबसे पहले 1998 में योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से भाजपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़े और जीत गए। तब इनकी उम्र केवल 26 वर्ष थी। वे बारहवीं लोक सभा (1998-99) के सबसे युवा सांसद थे। एक राजनेता होने के साथ ही वे गोरखपुर के प्रसिद्ध गोरखनाथ मन्दिर के महन्त भी हैं। आदित्यनाथ गोरखनाथ मन्दिर के पूर्व महन्त अवैद्यनाथ के उत्तराधिकारी हैं। ये हिन्दू युवाओं के सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी समूह हिन्दू युवा वाहिनी के संस्थापक भी हैं।
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज पुलिस अधिकारियों संग समीक्षा बैठक की। इस बैठक में सीएम योगी ने आगामी त्योहारों के मद्देनजर अधिकारियों को निर्देशित किया।
रक्षाबंधन त्योहार के मद्देनजर कई राज्यों की सरकारों ने बहनों को सौगात देने का काम किया है। मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और उत्तराखंड सरकार ने बहनों को तोहफा दिया है।
यूपी में कल देर शाम सरकारी स्कूल के अलावा मदरसे भी खोले जाएंगे। योगी सरकार ने आदेश जारी कर प्रदेश के सभी मदरसों से कहा है।
आगामी लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने आमजनों को लाभ पहुंचाने वाले कई प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है।
सुपरस्टार रजनीकांत ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पैर छुए थे, जिस पर उन्हें खूब ट्रोल किया गया है। अब इस पर रजनीकांत ने रिएक्ट किया है।
सरकार ने 23 अगस्त की शाम को पूरे राज्य के सरकार स्कूल खोलने के आदेश जारी किए हैं।
मेगास्टार रजनीकांत चेन्नई पहुंच गए हैं। योगी आदित्यनाथ के पैर छूने पर ट्रोल हुए रजनीकांत ने अब जवाब देते हुए कहा है कि मैं योगियों और सन्यासियों के पैर छूता हूं। ये मेरी आदत है।
सुपरस्टार रजनीकांत ने आज समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से मुलाकात की। इसके बाद रजनीकांत अयोध्या पहुंचे और हनुमागढ़ी में भगवान हनुमान की पूजा अर्चना की।
साउथ सुपरस्टार रजनीकांत ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने योगी आदित्यनाथ का पैर छूकर आशीर्वाद लिया। बता दें कि दोनों फिल्म जेलर को साथ देखने वाले हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में 9 आईपीएस अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया है। इसी कड़ी में कानपुर पुलिस कमिश्नर समेत एडीजी आगरा और अन्य कई अधिकारियों का तबादला किया गया है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने व्यापार में सुगमता को बढ़ावा देने के लिए नया आदेश जारी किया है। नए आदेश के तहत कुछ लोगों व संस्थानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने से पहले पुलिस को प्रारंभिक जांच करनी होगी।
पीएम मोदी की अपील के बाद कई लोगों ने अपने ट्विटर या यूं कहें एक्स पर प्रोफाइल पिक्चर बदल ली थी, जिसके बाद कई नेताओं और आम लोगों के खातों से ब्लू टिक हट गया है।
समाजवादी पार्टी के स्टार प्रचारक और अखिलेश यादव के खास सुरेश ठाकुर की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई है। अखिलेश यादव ने ट्वीट कर योगी आदित्यनाथ से मामले में कार्रवाई करकने की मांग की है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए कहा कि आपको सड़कों पर सांड दिख जाते हैं लेकिन आवास मांगने आए लोग नहीं दिखते थे।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में आज अखिलेश यादव और शिवपाल यादव पर खूब निशाना साधा। इस दौरान उन्होंने अखिलेश यादव को धोखा देने वाला बताया और कहा कि 2027 विधानसभा चुनाव में शिवपाल यादव का विकेट पहले गिर जाएगा।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव पर तंज कसा और कहा कि चांदी के चम्मच से खानेवाले गरीबों की पीड़ा को क्या समझेंगे।
यूपी के सीएम योगी ने जाति, मत और मजहब को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हमें ऐसा भारत बनाना है जिसमें किसी भी नागरिक के साथ जाति, मत और मजहब के आधार पर भेदभाव न हो।
उत्तर प्रदेश विधानसभा में 1980 के मुरादाबाद दंगों पर न्यायिक आयोग की रिपोर्ट पेश होने के बाद से ही सूबे में सियासी हलचल तेज हो गई है।
उत्तर प्रदेश में पिछले 4 दशकों में जितनी भी सरकारें आईं, सभी ने इस रिपोर्ट को अब तक दबाए रखा, सिर्फ इसीलिए कि इन दंगों में मुस्लिम लीग के नेताओं का हाथ पाया गया था।
यूपी विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होने से पहले ही विपक्ष खासतौर पर समाजवादी पार्टी ने सरकार को जातिगत जनगणना के अलावा महंगाई, किसान और कानून व्यवस्था के सवाल पर घेरने की तैयारी कर रखी थी। दूसरी तरफ, सत्ता पक्ष की ओर से विधानमंडल में पूरे तथ्यों के साथ विपक्ष के हमलों का जवाब देने की तैयारी की गई।
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