वहीं इससे पहले नवंबर महीने की शुरुआत में विदेश मंत्रालय ने दिवाली की पूर्व संध्या पर आयोजित दीपोत्सव के अवसर पर 50 देशों के राजदूतों और राजनयिकों की अयोध्या यात्रा का आयोजन किया था।
बनारस में इस बार बड़े ही धूमधाम से देव दिवाली मनाई जाने वाली है। ऐसे में प्रशासन ने कई जगहों पर ऑटो व ई-रिक्शा को बैन कर दिया है। ऐसे में ट्रैफिक एडवाइजरी जान लेना बेहद जरूरी है।
काशी में हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली मनाई जाती है। अयोध्या दीपोत्सव से ठीक 15 दिन बाद काशी में धूम-धाम से देव दीपावली मनाने का विधान है। आइए जानते हैं इस बार देव दीपावली कब मनाई जाएगी और क्या है इसका शुभ मुहूर्त।
इस साल देव दीपावली 19 नवंबर 2023 को मनाई जाएगी। कहते हैं कि इस दिन देवताओं का पृथ्वी पर आगमन होता है और उनके स्वागत में धरती पर दीप जलाए जाते हैं। अगर इस दिन अपने इन उपायों को आज़मायाँ तो आपकी झोली हमेशा के लिए पैसों से भर जाएगी।
इस साल देव दीपावली पर्व को देशभर में बहुत धूमधाम से मनाया गया गया। यूपी सरकार ने इस बार काशी में 10 लाख दीयों से देव दीपावली का आयोजन किया था। जिसकी चर्चा पूरे देश में हुई।
Dev Diwali 2022: आज देव दिवाली है, आज के दिन भगवान शिव की आराधना और पूजा की जाती है। काशी यानी कि बनारस में देव दिवाली बहुत धूमधाम से मनाया जाता है।
Kartik Purnima 2022: इस साल कार्तिक पूर्णिमा 8 नवंबर को मनाई जाएगी। कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान और गंगा स्नान का खास महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, पूर्णिमा के दिन दान करने से कई गुना फल मिलता है।
Dev Diwali 2022: देव दीपावली, दीवाली के 15 दिन बाद मनाई जाती है। कहा जाता है कि देव दीपावली के दिन देवताओं का पृथ्वी पर आगमन होता है और उनके स्वागत में धरती पर दीप जलाए जाते हैं।
Dev Deepawali 2022: कहा जाता है कि देव दीपावली के दिन देवताओं का पृथ्वी पर आगमन होता है और उनके स्वागत में धरती पर दीप जलाए जाते हैं। शास्त्रों के अनुसार इस दिन शाम के समय शिव-मन्दिर में भी दीप जलाए जाते हैं।
Dev Deepawali 2022: वाराणसी को भगवान शिव की नगरी और घाटों की नगरी भी कहा जाता है। इस दिन भोलेनाथ के सभी भक्त एक साथ मां गंगा के घाट पर लाखों दीए जला कर देव दिवाली का उत्सव मनाते हैं।
वाराणसी के 80 से ज्यादा घाटों पर देव दीपावली (Dev Deepawali 2022) मनायी जाती है, इस साल गंगा के दोनों तरफ मिलाकार कुल 10 लाख दीये जलाये जाएंगे।
Dev Deepawali 2022: पर्यटन विभाग के अनुसार, इस साल देव दीपावली पर काशी के घाटों को 10 लाख दीपों से रौशन करने की योजना है। बनारस और काशी विश्वनाथ धाम के विस्तारित होने के बाद वाराणसी में पर्यटकों की रिकॉर्ड संख्या दर्ज की जा रही है।
जिलाधिकारी खत्री ने बताया कि इस कार्यक्रम के लिए जिला प्रशासन ने प्रयागराज के सम्मानित लोगो को भी आमंत्रित किया है। कार्यक्रम के आयोजन में कोविड-19 प्रोटोकाल का पूरी तरह से पालन सुनिश्चित किया जायेगा।
देव दीपावली के दिन देवताओं का पृथ्वी पर आगमन होता है और उनके स्वागत में धरती पर दीप जलाये जाते हैं
देव दीपावली का ये उत्सव हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन काशी में धूमधाम से मनाया जाता है। जानें देव दीपावली मनाने के पीछे की कथा और मान्यता।
वाराणसी में देव दीपावली (30 नवंबर) पर प्रधानमंत्री मोदी के बनारस आगमन से पूर्व गंगा घाट पर प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए दीए जलाए गए।
वाराणसी दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी देव दीपावली में भी भाग लेंगे, पीएम मोदी काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरीडोर परियोजना की यात्रा करेंगे और सारनाथ पुरातत्व स्थल भी जाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 30 नवंबर (सोमवार) को देव दीपावली के मौके पर अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी आ रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी के वाराणसी में प्रस्तावित दौरे का विवरण सामने आ गया है।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन कुछ नियमों का पालन करना शुभ माना जाता है जानें उन नियमों के बारे में जिन्हें करने से कोसों दूर रहना चाहिए।
कार्तिक पूर्णिमा स्नान, दान, दीपदान और हवन आदि का बहुत ही महत्व है। इस दिन विशेषकर पुष्कर में स्नान का महत्व है। जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्व और व्रत कथा
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