कच्चे तेल के दाम में आई जोरदार तेजी के कारण डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल सोमवार को एक बार फिर मंद पड़ गई। डॉलर के मुकाबले रुपये में तकरीबन एक फीसदी की कमजोरी आई, जो कि देसी करेंसी में दो अगस्त के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है।
विदेशी विनिमय बाजार में सोमवार को भारी उतार चढ़ाव देखा गया। इस दौरान रुपया 71.50 से 71.73 प्रति डॉलर के बीच रहा।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 30 अगस्त को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में कमी आने से 44.6 करोड़ डॉलर घटकर 428.60 अरब डॉलर रह गया। रिजर्व बैंक की ओर से शुक्रवार को जारी ताजा आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।
एशियाई कारोबार में डॉलर के मुकाबले युआन 7.1487 पर आ गया। वर्ष 2008 की शुरूआत के बाद से चीनी मुद्रा का यह न्यूनतम स्तर है।
बैंकों एवं आयातकों की ओर से डॉलर की मांग आने और विदेशी पूंजी निकासी से रुपया सोमवार को शुरुआती कारोबार में 42 पैसे गिरकर 72.08 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया। मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि अमेरिकी-चीन के बीच व्यापार मोर्चे पर टकराव बढ़ने के संकेतों से भी रुपये पर दबाव रहा।
विदेशी कोषों ने इस माह के दौरान अब तक 77 करोड़ डॉलर की बिकवाली की है।
शुरुआती कारोबार में मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 18 पैसे टूटकर 68.84 पर खुला।
गुरुवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 68.50 पर बंद हुआ था।
देश का बाहरी कर्ज मार्च 2019 के अंत तक 2.60 प्रतिशत बढ़कर 543 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने वैश्विक व्यापार में डॉलर की भूमिका पर फिर से विचार करने का आह्वान किया है।
सप्ताह के पहले कारोबारी दिन यानी आज सोमवार को बाजार ने सुस्त शुरुआत की है।एशियाई बाजारों में कमजोर कारोबार देखने को मिल रहा है।
भारत के लिए अच्छी खबर है। अब अमेरिका रुपए पर करीबी नजर नहीं रखेगा। अमेरिका ने भारत को मुद्रा की निगरानी समिति से बाहर कर दिया है।
चुनाव के परिणाम आने के बाद शुक्रवार को रुपए में रिकवरी आई।डॉलर के मुकाबले रुपया पिछले सत्र से 26 पैसे की रिकवरी के साथ 69.75 रुपए प्रति डॉलर पर खुला।
पाकिस्तान के आर्थिक हालात ठीक नहीं हैं ये तो जगजाहिर है लेकिन मौजूदा दौर में पाकिस्तानी मुद्रा रिकॉर्ड अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुका है। पाकिस्तान के रुपए की कीमत काफी गिर गई है।
रविवार को आए एक्जिट पोल अनुमानों का असर इंटरनेशनल ट्रेड पर भी पड़ता दिख रहा है। मतदान समाप्त होने के बाद जारी एक्जिट पोल के अनुमान सामने आने के बाद सोमवार को विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में शुरुआती कारोबार में डालर के मुकाबले रुपया 79 पैसे की जोरदार तेजी के साथ 69.44 रुपये पर पहुंच गया।
बाजार सूत्रों ने कहा कि निर्यातकों की डॉलर बिकवाली तथा विदेशी निधियों के सतत निवेश के कारण भी रुपए की तेजी को मदद मिली है।
कारोबारियों ने कहा कि विदेशी बाजारों में अन्य प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर के नरम पड़ने से भी रुपए को तेजी मिली।
अमेरिका के ताजा आर्थिक आंकड़े उत्साहजनक रहने से अन्य एशियायी मुद्राओं के आगे भी डॉलर में मजबूती का रुझान रहा।
फॉरेक्स डीलर्स ने कहा कि निर्यातकों द्वारा अमेरिकी मुद्रा की बिकवाली करने से रुपए को समर्थन मिला। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी का अनुमान जताए जाने से भी घरेलू मुद्रा को मजबूती मिली है।
मंगलवार को विदेशी निवेशकों ने भारतीय पूंजी बाजार में शुद्ध खरीदार रहे और उन्होंने 1212.35 करोड़ रुपए के शेयरों की खरीदारी की।
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