ओवैसी ने बयान देते हुए कहा है कि हमने लॉ कमीशन को अफना रेस्पॉन्स और उसके साथ रिटायर्ड जस्टिस गोपाल गौड़ा का लीगल ओपिनियन भी भेजा है।
यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मस्ज़िदों में 'No UCC' के QR कोड लगाए हैं। उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में कुरार गांव की हद नूरानी मस्जिद सहित आसपास की मस्जिदों में ये 'No UCC' के QR कोड लगाए गए हैं।
एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड से गैर-मुसलमानों को ज्यादा नुकसान होगा। यह देश के लिए अच्छा नहीं हैं।
जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने कहा कि UCC लाकर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को निशाना बनाने का प्रेस किया जा रहा है लेकिन इस तरह के कोई भी प्रयास मुस्लिम समुदाय को स्वीकार नहीं होंगे।
मुस्लिम संगठनों ने मुसलमानों से अपील की है कि वह 14 जुलाई से पहले ज्यादा से ज्यादा लॉ कमीशन को अपनी आपत्ति वाली राय भेजें और यूनिफॉर्म सिविल कोड का विरोध करें।
यूनिफॉर्म सिविल कोड का अभी तक ड्राफ्ट भी सामने नहीं आया है लेकिन इसको लेकर अफवाहों का बाजार गरम हो गया है।
समान नागरिक संहिता (UCC) पर AIMPLB ने लॉ कमीशन को अपनी राय भेज दी है। AIMPLB ने UCC को राजनीतिक प्रोपेगैंडा का टूल बताया।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आईआईटी गुवाहाटी में आयोजित कार्यक्रम के दौरान समान नागरिक संहिता पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अब इसे लागू करने का समय आ गया है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच हुई इस मुलाकात में राज्य से जुड़े कई अहम मुद्दों पर बात हुई।
देश में समान नागरिक संहिता को लेकर चर्चा जोरों पर है। इस बीच केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान ने इंडिया टीवी से इस विषय में विस्तार से बात की। उन्होंने इसके हर पहलू के बारे में बताया।
UCC को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का कहना है कि इससे मुसलमानों को बाहर रखा जाए। आर्टिकल 25 और 29 हमें इस बात का प्रोटेक्शन देता है।
समान नागरिक संहिता यानी सभी धर्मों के लिए एक ही कानून। अभी होता ये है कि हर धर्म का अपना अलग कानून है और वो उसी हिसाब से चलता है। भारत में आज भी ज्यादातर धर्म के लोग शादी, तलाक और जमीन जायदाद विवाद जैसे मामलों का निपटारा अपने पर्सनल लॉ के मुताबिक करते हैं।
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि हमारी पार्टी (बसपा) यूसीसी लागू करने के खिलाफ नहीं है, लेकिन जिस तरह से बीजेपी देश में समान नागरिक संहिता लागू करने की कोशिश कर रही है, हम उसका समर्थन नहीं करते हैं।
यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर लोकसभा चुनाव से पहले सियासत गर्म हो रही है। इस मुद्दे पर कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ खड़ा है। लेकिन इस बीच कांग्रेस के ही एक मंत्री पार्टी लाइन से हटकर यूसीसी का समर्थन कर रहे हैं।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि उत्तराखंड के लिए यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार हो गया है और उसे जल्द ही लागू कर दिया जाएगा।
कुछ मौलानाओं का मानना है कि अगर समान नागरिक संहिता सभी धर्मों के लोगों से बात करके, सबकी सहमति से लागू की जाती है, तो इसमें कोई हर्ज नहीं, लेकिन इसे जबरन नहीं थोपा जाना चाहिए।
अबतक शिवसेना (यूबीटी) के किसी नेता की तरफ से इस बाबत औपचारिक बयान नहीं दिया गया है। लेकिन ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि लोकसभा में यूसीसी के पक्ष में उद्धव ठाकरे की पार्टी समर्थन देगी।
समान नागरिक संहिता यानी सभी धर्मों के लिए एक ही कानून। अभी होता ये है कि हर धर्म का अपना अलग कानून है और वो उसी हिसाब से चलता है। भारत में आज भी ज्यादातर धर्म के लोग शादी, तलाक और जमीन जायदाद विवाद जैसे मामलों का निपटारा अपने पर्सनल लॉ के मुताबिक करते हैं।
इंडिया टीवी ने भारत के चीफ इमाम उमेर अहमद इल्यासी से यूसीसी के मुद्दे पर बात की। इस बात के दौरान चीफ इमाम ने बताया कि यूसीसी पर काफी राजनीति हो रही है। लेकिन इसका लगातार विरोध करना ठीक नहीं है।
ओवैसी की पार्टी, फारूक़ अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती की पार्टी को छोड़कर दूसरी विपक्षी पार्टियां न तो इसका विरोध कर सकती हैं, न खुलकर समर्थन कर पाएंगी।
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