Thursday, December 11, 2025
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इमरान खान को "शून्य" कर सकता है ‘सिफर’ मामला, जानें क्या है पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री के गले की फांस

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान अब एक नई मुसीबत में फंस गए हैं। पाकिस्तान की विशेष अदालत ने ‘सिफर’ मामले में उन पर आरोप तय किया है। उनके साथ ही पूर्व विदेशमंत्री शाह महमूद कुरैशी को भी आरोपी बनाया गया है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Dec 13, 2023 05:01 pm IST, Updated : Dec 13, 2023 05:54 pm IST
इमरान खान, पूर्व पीएम, पाकिस्तान।- India TV Hindi
Image Source : AP इमरान खान, पूर्व पीएम, पाकिस्तान।

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब एक नए केस में इमरान खान पर पाकिस्तान की अदालत ने आरोप तय कर दिया है। इससे अब उन पर जेल में बंद रहते-रहते ही एक और नया मुकदमा चलना शुरू हो गया है। इमरान खान पर इस बार जिस मामले में आरोप तय हुआ है, उसे ‘सिफर’ मामले के तौर पर जाना जा रहा है। अगर इस केस में वह दोषी सिद्ध हुए तो उनकी पूरी राजनीति "शून्य" पर सिमट सकती है। आइए आपको बताते हैं कि ये ‘सिफर’ मामला है क्या, जो इमरान के गले की नई फांस बन गया है।
 
दरअसल पाकिस्तान की विशेष अदालत ने गोपनीय दस्तावेज लीक करने और देश के कानूनों का उल्लंघन करने के मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनके सहयोगी व पूर्व विदेशमंत्री शाह महमूद कुरैशी को बुधवार को अभ्यारोपित किया है। इसे ‘सिफर’ मामले के तौर पर जाना जाता है। न्यायाधीश अबुल हसनत जुल्करनैन ने मामले की सुनवाई रावलपिंडी की अडियाला जेल में की, जहां दोनों नेताओं को बंद किया गया है। न्यायाधीश ने दोनों नेताओं की मौजूदगी में उनके खिलाफ आरोपों को पढ़ा, लेकिन दोनों ने खुद को बेगुनाह बताया।
 

सिफर मामले में दूसरी बार तय हुए इमरान पर आरोप

यह दूसरी बार है जब उन पर आरोप तय किए गए हैं। इससे पहले, उन्हें 23 अक्टूबर को अभ्यारोपित किया गया था, लेकिन इस प्रक्रिया को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया था। न्यायाधीश जुल्करनैन ने चार दिसंबर को मामले की सुनवाई करते हुए घोषणा की थी कि इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के आलोक में ताजा अभियोग अनिवार्य है। उच्च न्यायालय ने प्रक्रियात्मक आधार पर जेल में सुनवाई के खिलाफ फैसला सुनाते हुए सभी कार्यवाही को अवैध घोषित कर दिया था। संघीय जांच एजेंसी ने देश के गोपनीयता कानूनों का उल्लंघन करने के आरोप में 15 अगस्त को सिफर मामला दर्ज किया था। (भाषा)
 

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