Thursday, December 11, 2025
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फर्जी दूतावास, नकली देश, VVIP नंबर, विदेश मंत्रालय की मुहर... गाजियाबाद की इस कोठी को देख चकरा जाएगा दिमाग

गाजियाबाद की पॉश कॉलोनी में एक आलीशान कोठी में फर्जी ‘दूतावास’ चल रहा था। पकड़ा गया आरोपी खुद को कई देशों का राजदूत बताता था। उसने डिप्लोमेटिक नंबर प्लेट और विदेश मंत्रालय की मुहर वाले फर्जी दस्तावेज तैयार कर रखे थे। जब यूपी STF में छापा मारा तो पूरा खेल सामने आ गया।

Reported By : Ruchi Kumar Edited By : Khushbu Rawal Published : Jul 23, 2025 04:42 pm IST, Updated : Jul 23, 2025 07:48 pm IST
ghaziabad fake embassy- India TV Hindi
Image Source : INSTAGRAM- WESTARCTICA.AQ गाजियाबाद में फर्जी दूतावास का भंडाफोड़।

दिल्ली से सटे गाजियाबाद में उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स ने फर्जी दूतावास का भंडाफोड़ किया है। गाजियाबाद के कविनगर में इस दूतावास में एक नहीं चार-चार देशों की एंबेसी चल रहा था। इस घर के बाहर 4 डिप्लोमेटिक नंबर प्लेट वाली लग्जरी गाड़ियां लगी रहती थी। आरोपी ने गाड़ियों पर डिप्लोमेटिक नंबर प्लेट लगा रखी थी और विदेश मंत्रालय की मुहर वाले फर्जी दस्तावेज तैयार कर रखे थे। STF ने छापेमारी में यहां से 12 फर्जी डिप्लोमेटिक पासपोर्ट बरामद किए है।

लोगों को मुहैया कराता था वीजा 

किराए के मकान में चलने वाले इस फर्जी दूतावास से 44 लाख 70 हजार कैश बरामद हुए है। खास बात ये है कि चार अलग-अलग देशों के दूतावास एक ही घर पर बने थे। आसपास के लोग भी इस घर से बाहर से गुजरते समय शांति से निकलते थे लेकिन जब यूपी STF की नोएडा यूनिट ने छापा मारा तो पूरा राज खुल गया। इस फर्जी दूतावास से दूसरे देशों में जाने के लिए लोगों को वीजा तक मुहैया कराया जा रहा है। 

फ्रॉड हर्षवर्धन जैन को किया अरेस्ट

इस मामले में पुलिस ने आरोपी हर्षवर्धन जैन को गिरफ्तार किया है, जो कविनगर, गाजियाबाद का रहने वाला है। हर्ष वर्धन किराए के मकान में वेस्ट आर्कटिक, साबोर्गा, पोल्विया और लोडोनिया जैसे काल्पनिक देशों का दूतावास चलाता था। हर्षवर्धन अपने आप को वेस्ट आर्कटिका, सबोर्गा, पौल्विया, लोडोनिया आदि देशों का एम्बेसडर बताता है और कई डिप्लोमेटिक नंबर प्लेट लगी गाड़ियों से चलता था। खुद को इन देशों का राजदूत बताकर वह लोगों से ठगी का काम करता था।

हर्षवर्धन के घर से क्या-क्या बरामद हुआ?

  • डिप्लोमेटिक नम्बर प्लेट लगी 4 गाड़ियां
  • माइक्रोनेशन देशों के 12 डिप्लोमेटिक पासपोर्ट
  • विदेश मंत्रालय की मुहर लगे कूटरचित दस्तावेज
  •  कूटरचित दो पैनकार्ड
  • 5-विभिन्न देशों और कंपनियों की 34 मोहरें
  • 2 कूटरचित प्रेस कार्ड
  • 44,70000 रुपये कैश
  • कई देशों की विदेशी मुद्रा
  • कई कंपनियों आदि के दस्तावेज
  • 18 डिप्लोमेटिक नंबर प्लेट
  • डायरी में विभिन्न बैंक खातों और लोगों के फोन नंबर
  • विभिन्न कंपनी की 12 घड़ियां
  • एक लैपटाप और एक मोबाईल 

हर्षवर्धन का क्या-क्या काम करता था?

हर्षवर्धन लोगों को अपने प्रभाव में लेने के लिए प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और कई अन्य गणमान्य लोंगो के साथ अपनी मॉर्फ की हुई फोटो का भी इस्तेमाल करता था। उसका मुख्य काम कंपनियों और प्राइवेट व्यक्तियों को बाहर के देशों में काम दिलाने के नाम पर दलाली करना तथा शेल कंपनियों के माध्यम से हवाला रैकेट चलाना है। पता चला है कि हर्षवर्धन का पहले चंद्रास्वामी और अदनान खगोशी (इंटरनेशनल आर्म्स डीलर) से भी संपर्क रहा है।

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