आंकड़ों से पता चलता है कि बीते साल कोष प्रबंधकों ने निश्चित आय की श्रेणी पर ध्यान केंद्रित किया। पिछले साल की तुलना में 2022 में निश्चित आय की एनएफओ की संख्या दोगुना हो गई।
सही समय पर बगैर जानकारी होने की वजह से म्युचुअल फंड में इन्वेस्ट करने के बाद कई बार लोगों को निराशाएं मिलती है। अगर आप भी इसमें निवेश करने जा रहे हैं तो मुख्य तौर पर इन चार बातों का ख्याल जरूर रखें। इससे आप ज्यादा ब्याज दर के साथ मुनाफा कमा सकते हैं।
ज्यादातर लोग पैसे को सेविंग अकाउंट में जमा कर रखते हैं। वहीं दूसरी तरफ म्यूचुअल फंड की और भी कई लोग समय के साथ बढ़ रहे हैं। इसमें निवेश करने से पहले लोगों के मन में कई तरह के सवाल होते हैं। कितने वर्ष तक निवेश करें कि इससे आगे चलकर बढ़िया रिटर्न मिल सके इसके बारे में जरूर जान लें।
Good News for Mutual Fund Investor: म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों के लिए एक अच्छी खबर आई है। अभी तक म्युचुअल फंड इकाइयां निवेशकों को उनके बैंक खाते में पैसा यूनिट भुनाने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद तीन दिन के भीतर भेजती हैं। यह नियम अब बदल जाएगा।
वर्ल्ड बैंक ने अगले साल मंदी आने की चेतावनी दी है। ऐसे में अगर आप अपने बेहतर भविष्य के लिए सही निवेश की तलाश कर रहे हैं तो SIP एक बेहतर ऑप्शन हो सकता है। चलिए आज आपको निवेश करने के पूरा प्रोसेस के बारे में बताते हैं।
म्यूचुअल फंड में निवेश करना हमेशा एक बेहतर निवेश के रूप में देखा जाता है, क्योंकि इसमें जोखिम की संभावनाएं कम होती है, और एक्सपर्ट के मुताबिक, रिटर्न अधिक मिलता है। यहां डायरेक्ट म्यूचुअल फंड स्कीम के बारे में जानिए।
SIP में निवेश करने वालों के लिए खुशखबरी है। हाल ही में जारी की गई एक रिपोर्ट से पता चला है कि इस स्कीम से निवेशक से लेकर कंपनियां तक मालामाल हो रही हैं।
Mutual Funds Investing: SIP में निवेश करने के बारे में कई बार हम जैसे आम निवेशक सोचते हैं और निवेश करते भी हैं। ऐसे में हमें Top Up SIP के बारे में सबकुछ जान लेना चाहिए। यह तरीका हमें कई तरह का फायदा देता है।
अगर आप एक म्यूचुअल फंड यूनिट धारक है तो आपको अब कुछ बातों का ध्यान रखना होगा, वरना आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है। SEBI ने नई गाइडलाइन जारी की है।
फंड हाउस आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड द्वारा 31 अक्टूबर 2002 को पेश किया गया था, और 3 नवंबर, 2022 तक, यह 21.21% का सीएजीआर प्रदान कर चुका है।
बाजार के जानकारों का कहना है कि किसी भी म्यूचुअल फंड में निवेश करते वक्त निवेशकों को पता होना चाहिये की वह किस फंड में निवश कर रहा है।
म्यूचुअल फंड की पैमाइश सालाना रिटर्न के जरिये पता किया जाता है। आज हम शेयर बाजार के ऐसे ही पांच म्यूचुअल फंड (5 Best Mutual Fund) लेकर आए हैं, जिन्होंने बीते एक साल में शानदार रिटर्न दिया है।
Bank, म्यूचुअल फंड कंपनियां, बीमा कंपनियां अपने कस्टमर्स को बकाया दावों या उसके साथ बकाया राशि को चेक करने की सुविधा देते हैं।
इस महीने कम से कम छह एएमसी ने नई योजनाएं शुरू करने की मंजूरी के लिए सेबी के पास दस्तावेज जमा करवाए हैं।
सेबी ने यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि प्रत्येक म्यूचुअल फंड द्वारा विदेशी निवेश फरवरी के स्तर तक सीमित रहे।
इस पहल का मकसद प्रतिभूति बाजार में सभी पक्षों की गतिविधियों में एकरूपता लाना है। पिछले साल सेबी ने नये कारोबारी और डीमैट खाता खोलने वाले निवेशकों के लिये भी ऐसा ही विकल्प दिया था।
एम्फी ने कहा कि मई का यह आंकड़ा अप्रैल में इक्विटी म्यूचुअल फंड में हुए 15,890 करोड़ रुपये के शुद्ध निवेश की तुलना में अधिक है।
शेयर बाजारों में आए तेज उछाल से कंपनियां वित्त वर्ष 2021-22 में 3.17 करोड़ निवेशक खाते जोड़ने में सफल रहीं।
म्यूचुअल फंड यूनिट्स के बदले लोन लेने के लिए आपको बैंक या एनबीएफसी के साथ लोन एग्रीमेंट करना होता है। लोन की रकम के बदले आपकी म्यूचुअल फंड की यूनिट गिरवी रखी जाती हैं।
बीते वित्त वर्ष 2021-22 में इक्विटी से जुड़े कोषों में 1.64 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश आया है।
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