भारत में ऑटो सेक्टर इन दिनों नए उत्सर्जन नियमों (Emission Rules) को लेकर घमासान के दौर से गुजर रहा है। देश की कई दिग्गज कार कंपनियों ने सरकार के प्रस्तावित वजन-आधारित इमीशन छूट पर खुलकर आपत्ति जता रही हैं।
ऑटोमोबाइल एक्सपर्ट का कहना है कि ब्याज दर में कटौती से ऑटो क्षेत्र पर पॉजिटिव असर पड़ेगा। उपभोक्ताओं और व्यवसायों दोनों के लिए उधार लेने की लागत कम होने की उम्मीद है।
भारत का ऑटोमोबाइल इंडस्ट्रीज काफी मजबूत है। निवेशकों के लिए ऑटो सेक्टर में अच्छी संभावनाएं देखने को मिल सकती हैं। मार्केट कैप के लिहाज से कई ऐसी कंपनियां हैं जो बहुत अच्छी स्थिति में हैं।
Jobs in Auto Industry : ऑटो सेक्टर को इलेक्ट्रिक व्हीकल निर्माण के लिए साल 2030 तक करीब 2 लाख कुशल लोगों की जरूरत होगी।
Auto Companies Hike Prices: भारत सरकार के बीएस6 फेज-2 ट्रांजिशन लाने के आदेश के बाद से ऑटो कंपनियां तैयारी में जुट गई हैं। जल्द ही ये कंपनियां उसे पेश करेंगी। इसको लेकर कार की कीमतों पर भी असर देखने को मिलेगा।
मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन आर सी भार्गव ने कहा, हमें अभी नहीं मालूम है कि कीमतें कितनी बढ़ेंगी।
चिप संकट छंटने और कोरोना का असर खत्म होने से गाड़ियों कि बिक्री तेजी से बढ़ी है। जून में अधिकांश कंपनियों की बिक्री में अच्छी-खासी वृद्धि देखने को मिली है।
केन्द्रीय मंत्री के मुताबिक इस समय हमारे वाहन उद्योग का कारोबार 7.5 लाख करोड़ रुपये है। पांच साल के भीतर यह 15 लाख करोड़ से अधिक हो जाएगा
डीलर्स के मुताबिक त्योहारों के इस दो माह के दौरान वो सालाना बिक्री का 40 प्रतिशत हासिल कर लेतें हैं। हालांकि इस साल वाहनों की आपूर्ति न होने से बिक्री पर असर दिख रहा है।
ऑटो उद्योग में फिलहाल 4.5 से 5 लाख वाहनों की बुकिंग लंबित है और इसमें से केवल मारुति सुजुकी के पास 2.15 से 2.20 लाख इकाइयों की बुकिंग है
टाटा मोटर्स ने पीएलआई योजना को प्रगतिशील और परिवर्तनकारी करार दिया, वहीं ACMA ने उम्मीद जताई कि इससे नई तकनीक में निवेश बढ़ेगा।
पिछले साल सरकार ने वाहन तथा वाहन कलपुर्जा क्षेत्र के लिए प़ीएलआई योजना की घोषणा की थी। इस योजना के तहत पांच साल में 57,043 करोड़ रुपये की राशि रखी गई थी।
सरकार ने ऑटो सेक्टर से अगले पांच वर्षों में निर्यात को दोगुना करके 30 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। वहीं रोजगार भी 2025 तक 70 लाख से अधिक होने की उम्मीद
सचिव ने कहा कि हम ऑटो सेक्टर को प्रौद्योगिकी के साथ आगे बढ़ते देखना चाहते हैं, अगर प्रोद्योगिकी में बदलाव होता तो सेक्टर को भी इसी बदलाव के साथ बढ़ना होगा
सियाम के मुताबिक दोपहिया का निर्यात पिछले तीन साल की तुलना में बेहतर रहा है, वहीं यात्री वाहनों, तिपहिया और वाणिज्यिक वाहनों का निर्यात अभी 2018-19 की पहली तिमाही के आंकड़े तक नहीं पहुंच पाया है।
इंदौर में स्थित एनएटीआरएएक्स- हाई स्पीड ट्रैक 11 किलोमीटर से ज्यादा लंबा है, और इस पर 375 किलोमीटर प्रति घंटा रफ्तार तक भी परीक्षण किये जा सकते हैं।
कंपनियों का मानना है कि कोरोनो वायरस महामारी के बीच आवाजाही को लेकर लोग अपने वाहन को तरजीह देंगे और पुरानी कारों की खरीद-बिक्री में लंबी अवधि के दौरान वृद्धि होगी।
वाहन डीलरों ने कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से व्यावसायिक रूप से बचे रहने के लिये माल एवं सेवा कर (जीएसटी) भुगतान से तीन महीने की छूट समेत राजकोषीय समर्थन की मांग की है।
देश में कोविड-19 के एक दिन में रिकॉर्ड 2,73,810 नए मामले सामने आने के साथ ही संक्रमण के कुल मामले 1.50 करोड़ के पार पहुंच गए। जिसके बाद दिल्ली सहित कई जगहों पर प्रतिबंध और कड़े हो गए हैं।
निसान और डैटसन के सभी मॉडलों की कीमतों में एक अप्रैल 2021 से बढ़ोतरी होगी। वहीं सोमवार को ही मारुति ने भी अप्रैल के दौरान कीमतों में बढ़त का ऐलान किया था।
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