कमलनाथ कांग्रेस के उन नेताओं में हैं जिनके सियासी कद का लोहा विपक्षी भी मानते हैं। छिंदवाड़ा से 9 बार लोकसभा चुनाव जीत चुके कमलनाथ कांग्रेस की केंद्र सरकारों में कई अहम मंत्रालय संभाले हैं। 2018 के विधानसभा चुनावों को मद्देनजर रखते हुए कमलनाथ को मध्य प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष चुना गया था। शायद यह कमलनाथ का ही तिलिस्म है कि 2018 के चुनावों में करीबी मुकाबले में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। कमलनाथ का सियासी सफर 1980 में शुरु हुआ था, जब वह छिंदवाड़ा से चुनाव जीतकर पहली बार लोकसभा पहुंचे थे। इसके बाद चुनावों में जीत का जो सिलसिला शुरू हुआ वह 1997 के लोकसभ उपचुनावों में ही आकर थमा, जब भाजपा नेता सुंदरलाल पटवा ने उन्हें मात दी। हालांकि इसके बाद कमलनाथ कभी भी लोकसभा चुनाव नहीं हारे और केंद्र की राजनीति में लगातार अपना लोहा मनवाते रहे। कमलनाथ का जन्म 18 नवंबर 1946 को उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुआ था। उनकी स्कूलिंग दून स्कूल से और ग्रैजुएशन कलकत्ता यूनिवर्सिटी के सेंट जेवियर्स कॉलेज से हुआ। कमल नाथ की शादी अलका नाथ से हुई जो एक समाजसेविका और पूर्व सांसद हैं। दिलचस्प बात यह है कि अलका नाथ ने 1996 के लोकसभा चुनावों में कमल नाथ की ही छिंदवाड़ा सीट से जीत हासिल की थी। 17 दिसंबर 2018 को कमलनाथ ने मध्य प्रदेश के सीएम के तौर पर शपथ ली।
कमलनाथ भाजपा में शामिल होंगे या नहीं, इसका जवाब अब खुद कमलनाथ ने दे दिया है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अगर इस तरह की कोई बात होगी तो सबसे पहले इसकी जानकारी मैं खुद मीडिया को दूंगा।
कमलनाथ भाजपा में शामिल हो सकते हैं और कांग्रेस का साथ छोड़ सकते हैं। ये खबर खूब चर्चा में हैं। लेकिन मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस अफवाह मात्र बताया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ ऐसा कभी नहीं कर सकते हैं।
कमलनाथ भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं? राजनीतिक गलियारों में ये सवाल खूब पूछे जा रहे हैं। लेकिन इसके पीछे एक वजह है। दरअसल कमलनाथ के दो वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसके बाद यह कयास लगाए जा रहे हैं कि वो कांग्रेस छोड़ सकते हैं।
कांग्रेस के बड़े नेता कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ कांग्रेस का हाथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम सकते हैं। उनन्होंने अपने ट्विटर एकाउंट का बायो बदल लिया है।
छिंदवाडा से कई बार सांसद रहे कमलनाथ अब राज्यसभा जाना चाह रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने सोनिया गांधी से मुलाकात करके अपनी इच्छा जाहिर की है। प्रदेश से कुल पांच राज्यसभा सीटों पर चुनाव होना है।
मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से कांग्रेस का उम्मीदवार कौन होगा? यहां से बेटे और सांसद नकुलनाथ के फिर से चुनाव लड़ने की चर्चा को लेकर कमलनाथ का बयान सामने आया है।
अयोध्या स्थित राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का समय नजदीक आ रहा है। इसको लेकर मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर सभी का है, बीजेपी के पास इसका पट्टा नहीं है।
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 230 सीट में से महज 66 सीटें ही मिली थीं। इसके बाद प्रदेश कांग्रेस की कमान कमलनाथ से लेकर जीतू पटवारी को सौंप दी गई थी।
विधानसभा से पंडित नेहरू की तस्वीर हटाए जाने के बाद कांग्रेस नेता कमलनाथ ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है। उन्होंने इस घटना को लेकर सोशल मीडियो प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है कि यह भाजपा की छोटी मानसिकता को दर्शाता है।
मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने आज पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों के साथ बैठक की और हार के कारण की वजह जानने की कोशिश की। कमलनाथ ने कहा कि वे दिल्ली जाकर पार्टी आलाकमान को हार की वजह बताएंगे।
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में हार के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इंडिया टीवी से बातचीत की है। इस बातचीत में पूर्व सीएम ने अपनी बात खुलकर सामने रखी है।
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को करारी हार मिली है। चुनावों में एकतरफ जहां बीजेपी को 163 सीटें मिली हैं तो वहीं कांग्रेस को मात्र 66 सीटों के साथ ही संतोष करना पड़ा है।
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में बीजेपी को प्रचंड जीत मिलने के बाद कांग्रेस नेता कमलनाथ, सीएम शिवराज सिंह चौहान से मिलने पहुंचे हैं। दोनों नेताओं ने मुस्कुराते हुए एक-दूसरे को बुके भी दिया और हाथ मिलाया। इसका वीडियो भी सामने आया है।
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आ चुके हैं। भाजपा ने 163 सीटों के प्रचंड बहुमत हासिल किया है तो वहीं, कांग्रेस सिर्फ 66 सीटों पर सिमट गई है। ऐसे में शिवराज सिंह चौहान की मेहनत को लेकर भी काफी चर्चा हो रही है।
कांग्रेस की हार पर शिवसेना नेता और सांसद संजय राउत का बयान सामने आया है। जिसमें उन्होंने मध्य प्रदेश में कांग्रेस की हार का जिम्मेदार कमलनाथ को बताया है। वहीं, अन्य राज्यों में हुई हार पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस को इस पर आत्म मंथन करना चाहिए।
मध्यप्रदेश की राजनीति में यह चुनाव परिणाम लंबे समय तक याद रखा जाएगा। इस परिणाम ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि आखिर कांग्रेस जो जीत की जोरदार ताल ठोक रही थी, उसे इतनी बुरी हार कैसे मिली? कारण चौंकाने वाले हैं।
आखिरकार मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी का 'कमल' खिल गया। कांग्रेस की तमाम मशक्कतों के बावजूद रुझानों में बीजेपी को स्पष्ट यानी प्रचंड बहुमत मिलता दिखाई दे रहा है। जानिए वो 5 बड़े फैक्टर, जिन्होंने बीजेपी को सूबे का सिरमौर बना दिया। इनमें से एक फैक्टर तो 'मास्टरस्ट्रोक' साबित हुआ।
रविवार को मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की मतगणना चल रही है। ताजा रुझानों में एमपी के बीजेपी और कांग्रेस के जानिए कौनसे बड़े दिग्गज अभी तक आगे चल रहे हैं। आए जानते हैं मध्य प्रदेश में बहुमत का नंबर क्या है।
Madhya Pradesh Election Results: मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों के लिए मतगणना जारी है। इस बीच कमलनाथ ने बयान जारी करते हुए कहा है कि वो राज्य में बड़े आराम से जीत रहे हैं। उन्हें राज्य की जनता पर पूरा विश्वास है।
जब सिंधिया पर कमलनाथ को सीएम बनने के लिए 2018 में कांग्रेस हाईकमान ने तरजीह दी थी, तभी इस 'पोलिटिकल ड्रामे' की पटकथा लिखना शुरू हो गई थी। 15 महीने के बाद जानिए किस 'बाजीगरी' से 2020 में शिवराज फिर सूबे के सिरमौर बन गए?
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